मोदी मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव की कवायद शुरू हो चुकी है. केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. उधर, उमा भारती ने भी स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे की पेशकश कर दी है.
नाकाम मंत्रियों पर गाज
कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी और हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का इस्तीफा हो चुका है, जबकि उमा भारती, संजीव बाल्यान, कलराज मिश्र, महेंद्र नाथ पांडेय इस्तीफे देने की कतार में हैं, यानी इन्होंने इस्तीफे की पेशकश कर दी है, और पूरी संभावना है कि इनका भी इस्तीफा मंजूर कर लिया जाएगा.
दरअसल मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो चुके हैं. पीएम मोदी अब उन मंत्रियों को और वक्त कतई देना नहीं चाहते, जिनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक अब तक नहीं रहा है. खासकर रूडी और उमा भारती के मंत्रालय से पीएम मोदी को खासे उम्मीदें थीं. लेकिन तीन साल बाद भी इन दोनों के पास कोई सटीक एजेंडा नहीं हैं, इसलिए इनकी कुर्सी पर तो महीनों से तलवार लटकी थीं. इसके अलावा मंत्रिमंडल से कई नाकाम मंत्रियों की छुट्टी के संकेत हैं.
इनको मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान को लेकर अच्छी खबर है. सूत्रों की मानें तो इन तीनों का मोदी कैबिनेट में और कद बढ़ सकता है. फिलहाल जावड़ेकर के पास मानव संसाधन मंत्रालय, धर्मेंद्र प्रधान के पास पेट्रोलियम मंत्रालय और पीयूष गोयल के पास ऊर्जा मंत्रालय का जिम्मा है. खबरों की मानें तो इन तीनों के काम से पीएम मोदी संतुष्ट हैं और इन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती हैं.
काम के बोझ तले दबे मंत्री
दरअसल इस वक्त अरुण जेटली वित्त मंत्रालय के साथ रक्षा मंत्रालय भी संभाल रहे हैं. जबकि डॉक्टर हर्षवर्धन और स्मृति ईरानी के पास भी दो-दो अहम मंत्रालय हैं. ऐसे में पीएम मोदी और अमित शाह की नजर कुछ ऐसे नए चेहरों पर हैं, जिन्हें बड़ी जिम्मेदारी के साथ कैबिनेट में जगह मिल सकती है.
गौरतलब है कि मोदी सरकार के कार्यकाल का 2 सितंबर को तीसरा मंत्रिमंडल फेरबदल होने वाला है. चेहरों के चयन को लेकर पीएम मोदी, अमित शाह और आरएसएस के बीच लगातार मंथन जारी है.