बॉलीवुड के सबसे बड़े 'खलनायक' और मशहूर अभिनेता प्राण को दादा साहब फाल्के अवार्ड से नवाजा गया है. मुंबई में उनके घर पर सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने जाकर सम्मानित किया. प्राण को शॉल और मेडल देकर सम्मानित किया गया.
बल्लीमारान की गलियों से लेकर बालीवुड तक के सफर में अपनी बेहतरीन अदायगी की छाप के लिए आखिर प्राण को वो पुरस्कार मिल ही गया, जिसके वे हकदार थे. प्राण ने तकरीबन 350 फिल्मों में काम किया है. उन्होंने न केवल विलेन बल्कि चरित्र अभिनेता के रूप में भी खूब नाम कमाया. उन्हें साल 2001 में 'पद्मभूषण' से सम्मानित किया जा चुका है.
प्राण फिल्मों में डालते रहे जान...
बॉलीवुड में छह दशक तक सक्रिय रहने वाले प्राण ने नायक, खलनायक से लेकर चरित्र अभिनेता तक का हर किरदार निभाया और 1998 में ही फिल्मों से रिटायर हो गए.
बॉलीवुड में एक समय 'मधुमती', 'जिद्दी' और 'राम और श्याम' जैसी फिल्मों में खलनायक का जोरदार किरदार निभाने की वजह से वे पर्दे पर घृणा के पात्र के प्रतीक बन गए. वे एक समय जहां खलनायक के किरदार का प्रतीक माने जाने लगे, वहीं उन्होंने चरित्र अभिनेता के रूप में भी अपनी जबर्दस्त छाप छोड़ी. फिल्म 'उपकार' में उनके मंगल चाचा के किरदार ने दर्शकों का दिल जीत लिया. इसी तरह 'जंजीर' कठोर लेकिन दयालु पठान के रूप आज भी लोग उन्हें भुला नहीं पाए हैं.
प्राण की प्रमुख फिल्मों में 'छलिया', 'जिस देश में गंगा बहती है', 'कश्मीर की कली', 'दो बदन', 'जानी मेरा नाम', 'गुड्डी', 'परिचय', 'विक्टोरिया नंबर 203', 'बाबी', 'अमर अकबर एंथनी', 'डान', 'शराबी' आदि शामिल हैं. प्राण को सम्मान दिए जाने पर गायिका लता मंगेशकर ने कहा कि उन्हें दादा साहब फाल्के पहले ही मिल जाना चाहिए था.