राजनीतिक गहमागहमी से दूर वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी दुर्गापूजा के समय एक अलग ही भूमिका निभाते नजर आते हैं. इस दौरान वह पुजारी के रूप में देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं.
सौ साल पुरानी परंपरा के वाहक
प्रणब वीरभूम जिले में किरनाहर के नजदीक स्थित अपने पैतृक गांव मिरिती में देवी की पूजा करते हैं. पिछले 2 साल से पूजा का इंतजाम देखते आ रहे गौतम राय ने कहा ‘‘पूजा लगभग 100 साल पुरानी है, जिसकी प्रणब मुखर्जी के दादा दिवंगत जंगलेश्वर मुखर्जी ने शुरुआत की थी. उनके बाद प्रणब के पिता कामदकिंकर मुखर्जी ने भी इस परंपरा को जारी रखा और अब प्रणब भी अपने पुरखों की परंपरा को जारी रखे हुए हैं.’’
इस साल भी करेंगे पूजा
महा अष्टमी के दिन ग्रामीणों सहित हजारों लोगों कार्यकर्ताओं और परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में मिरिती आकर प्रणब खुद पूजा कार्यों को अंजाम देते हैं. गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी देवी पूजा के लिए प्रणब का मिरिती स्थित अपने पैतृक घर पहुंचने का कार्यक्रम निर्धारित है.
सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध
प्रणब की यात्रा के बारे में जिला मजिस्ट्रेट विश्वेश्वर मैती ने कहा ‘‘उनके पास जेड श्रेणी की सुरक्षा है. हमने जरूरी इंतजाम पूरे कर लिए हैं.’’ पुलिस अधीक्षक रवींद्रनाथ मुखर्जी ने कहा ‘‘अब तक हमें कोई खास निर्देश नहीं मिला है. हमारे अधिकारी जमीनी स्तर पर निगरानी रखते हैं. वे मंत्री के परिवार के लोगों से संपर्क रखते हैं.’’