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प्रणव मुखर्जी ने की रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी

मनमोहन सिंह की अनुपस्थिति में वित्त मंत्री का कामकाज देख रहे प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा में अंतरिम बजट पेश किया. बजट का विस्‍तृत कवरेज

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प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बाइपास सर्जरी के कारण वित्त मंत्री का कामकाज देख रहे प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को लोकसभा में अंतरिम बजट पेश किया.
मनमोहन सिंह की अनुपस्थिति में वित्त मंत्री का कामकाज देख रहे प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा में अंतरिम बजट पेश किया.

देश को आर्थिक संकट से उबारने और सभी वर्गों के हितों को साधने के प्रयास के रूप में संप्रग सरकार ने देश की आम जन‍ता सहित किसानों और उद्योगपतियों को राहत देने की कोशिश की. प्रणब मुखर्जी ने अपने बजटीय भाषण में निम्‍न बिंदुओं को उल्‍लेखित किया.

-यूपीए सरकार का छठा बजट पेश
-मनमोहन के नेतृत्‍व में देश में परिवर्तन हुए
-साझा कार्यक्रम आम आदमी के लिए था और यह सफल हुआ
-शुरुआती 4 साल में हमने जबरदस्‍त तरक्‍की की
-देश में निवेश और बचत में तेजी आई
-बचत वृद्धि दर 29.‍8 से बढ़कर 37 प्रतिशत हुई.
-विकास दर में कृषि का हिस्‍सा 11 प्रतिशत से बढ़कर 14 प्रतिशत हुआ.
-हमारे अनाज भंडार भरे हुए हैं
-देश में सामान्‍य बारिश हुई है और कृषि पैदावार बढ़ेगा
-देश में टैक्‍स जीडीपी अनुपात 12.5 प्रतिशत
-देश में निवेश और बचत में तेजी आई
-पिछले चार साल में जबरदस्‍त विदेशी निवेश हुआ
-विदेश मुद्रा भंडार में जबरदस्‍त तेजी दर्ज
-सितंबर के बाद दुनिया में आर्थिक संकट बढ़ा है
- दुनियाभर में मंदी का असर गहरा हुआ है
- 2009 में आर्थिक संकट और गहराने की आशंका
- जापान, यूरोप व अमेरिका में आर्थिक संकट गहरा
- इस साल भारत की विकास दर 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान
- पिछले 6 महीनों में 37 बड़ी परियोजनाओं को मिली मंजूरी
- 68 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्‍ट मंजूर
- बड़े प्रोजेक्‍टों के लिए सरकार बैंकों को मदद करेगी
- बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं में सरकारी मदद
- ब्‍याज दरें और घटाई जाएंगी.
- निर्यातकों की समस्‍या सुलझाने में सरकार नए कदम उठाएगी
- हाल के दिनों में विदेशी निवेश में कमी आई
- संकट की घड़ी में नए कदम उठाने का वक्‍त आया है
- नई सरकार के आने पर कुछ और उपाय करने होंगे.
- संकट की इस घड़ी में वित्तीय नीतियों में तेजी लानी होगी.
- रोजगार योजनाओं को बढ़ावा देना होगा.
- कृषि विकास पर सरकार की खास नजर रही है.
- किसानों की कर्जमाफी योजना जून 2008 में पूरी
- सरकार ने किसानों को फसल की अच्‍छी कीमत दी है
- उच्‍च शिक्षा बजट में 900 प्रतिशत बढ़ोत्तरी
-15 नए विश्‍वविद्यालय खोले गए
- अल्‍पसंख्‍यकों के लिए अलग से मंत्रालय बनाया गया
- 2 और नए आईआईटी खोले जाएंगे.
- राष्‍ट्रीय महिला कोष के लिए अधिक सहायता
- दिसंबर में औद्योगिक उत्‍पादन में 2 फीसदी गिरावट हुई
- आम आदमी बीमा योजना सफल रही

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- महिलाओं को हर क्षेत्र में प्राथमिकता
- 500 रुपये प्रतिमाह सहायता
- आईटीआई में महिलाओं को प्राथमिकता{mospagebreak}

- सरकारी बैंकों की स्थिति मजबूत हुई
- ग्रामीण बैंकों की स्थिति मजबूत करने के लिए योजना
- विदेशी निवेशकों को सहूलियतें दी गईं
- टैक्‍स ढांचे की समीक्षा की गई है
- कस्‍टम ड्यूटी की दरों में कमी की गई है
- सर्विस टैक्‍स की दरें भी कम की गई हैं
- मौजूदा वक्‍त में टैक्‍स में कमी की जरूरत
- छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू
- बीमा योजना से 60 लाख लोगों को फायदा

- नई सरकार को टैक्‍स में कमी करनी चाहिए
- राजकोषीय घाटा बढ़कर 6 फीसदी रहने का अनुमान
- पहले राजकोषीय घाटा 5.2 फीसदी रहने का अनुमान था
- इस साल टैक्‍स उगाही में कमी
- लोगों की आमदनी बढ़ी है
- राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना पूरे देश में लागू हुआ
- 3.51 करोड़ परिवारों को हुआ फायदा
- मिड डे मील योजना के लिए 800 करोड़ रुपये
- सर्व शिक्षा अभियान के लिए 13 हजार करोड़ रुपये
- स्‍वच्‍छ पानी के लिए 7400 करोड़ रुपये
- ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं
- कृषि की विकास दर 3.7 फीसदी रही
- सरकारी बैंकों को अतिरिक्‍त नकदी मुहैया कराई जाएगी
- मंदी से मुकाबला करने के लिए नई योजनाएं
- रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी
- रक्षा के लिए 1 लाख 41 हजार 703 करोड़ रुपये
- जरूरत पड़ने पर रक्षा के लिए और धन उपलब्‍ध कराए जाएंगे
- निर्यात के लिए 2 फीसदी सहायता, टेक्‍सटाइल व जवाहरात उद्योग को मदद

अपने बजट को अंत करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश की जनता इस मुश्किल घड़ी में सोच समझकर नई सरकार को चुने.

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