उन्होंने कहा, कुछ समय पहले राजधानी दिल्ली में पूर्वोत्तर के नौजवानों पर हमलों की कई वारदातें सामने आईं हैं. केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने दोषियों को सिर्फ पकड़ने और दंडित करने की ही कार्रवाई नहीं की बल्कि कई कदम भी उठाए ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हो सकें.
उन्होंने कहा, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे देश की एकता और उसके बहुलतावादी चरित्र को इस तरह की अस्वीकार्य घटनाएं कमोजर न बनाएं.
भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी एम.पी. बेजबरुआ के नेतृत्व में गृह मंत्रालय ने दिल्ली में पूर्वोत्तर के लोगों पर हो रहे हमलों पर एक समिति गठित की थी. इस समिति ने कहा था कि 2005 से 2013 के बीच दो लाख से ज्यादा लोग पूर्वोत्तर के राज्यों से दिल्ली आए हैं. इनमें से 86 फीसदी लोगों को किसी न किसी तरह के नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा है.
शिक्षा पर राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व के सर्वेक्षणों में शीर्ष 200 में भारत का एक भी संस्थान शामिल नहीं है. मिजोरम को प्राकृतिक सुंदरता का खजाना बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अपने पश्चिम में बांग्लादेश और दक्षिण और पूर्व में म्यांमार के साथ तकरीबन 700 किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ मिजोरम अच्छी स्थिति बनाए हुए है. यह खुशी की बात है कि मिजोरम विश्वविद्यालय को एनएएसी (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) ने 2014 में 'ए' श्रेणी की मान्यता दी थी.
उन्होंने कहा, कुलपतियों के सम्मेलन में यह फैसला हुआ था कि प्रत्येक केंद्रीय विश्वविद्यालय कम से कम पांच गावों को गोद लेगा और उनका विकास करेगा. मुझे भरोसा है कि यह विश्वविद्यालय उम्मीदों पर खरा उतरेगा.
-इनपुट IANS