राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के साथ बजट सत्र का आगाज हो गया है. संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने सकारात्मक बजट सत्र उम्मीद जताई.
प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार आर्थिक सुस्ती, रोजगार असुरक्षा तथा महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है.
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उन्होंने लोकपाल बिस को पास कराना सरकार की प्राथमिकता बताया. साथ ही उन्होंने यह कहा कि खाद्य सुरक्षा बिल, ज्यूडिसियल अकाउंटिब्लिटी बिल के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
राष्ट्रपति ने कहा, 'मैं इस बात को लेकर जागरूक हूं कि आकांक्षापूर्ण भारत उभर रहा है, एक ऐसा भारत जो अधिक अवसर, बेहतर विकल्प, बेहतर बुनियादी ढांचा तथा बेहतर सुरक्षा चाहता है.'
उन्होंने कहा, 'युवा हमारे राष्ट्र की सबसे बड़ी संपत्ति हैं. वे आत्मविश्वास व उत्साह से भरे हुए हैं. मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनका जुनून, ऊर्जा व उद्यमता देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.'
राष्ट्रपति ने कहा, 'इन आकांक्षाओं के बीच हम आर्थिक सुस्ती, रोजगार सुरक्षा एवं रोजगार की संभावनाओं को लेकर भी चिंतित हैं. लोग हमारी महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. उनमें सामाजिक एवं आर्थिक असमानता को लेकर भी चिंता है.'
पाकिस्तान को नसीहतप्रणब मुखर्जी ने पाकिस्तान को नसीहत दी कि वह ऐसे कार्य न करे, जिससे विश्वास कम हो. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करे, हम भारतीय उपमहाद्वीप में शांति और स्थिरता चाहते हैं.
मुखर्जी ने कहा, ‘हम इस महाद्वीप में शांति, स्थिरता, सहयोग और आर्थिक विकास बनाये रखना चाहते हैं. हम अपने निकट पडोसियों के साथ संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं.’
महिलाओं की सुरक्षा पर जोर
महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने के लिए सरकार की ओर से उठाये गये कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने अपने भाषण में कहा, ‘मेरी सरकार महिलाओं के प्रति यौन अपराधों की घटनाओं के बारे में गंभीर रूप से चिंतित है. न्यायमूर्ति जे एस वर्मा समिति की सिफारिशों पर विचार के बाद सरकार ने महिलाओं के प्रति घृणित अपराधों के लिए कड़े दंड की व्यवस्था करने के उद्देश्य से आपराधिक कानून में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश जारी किया है.’
लोकपाल बिल है प्रथामिकता
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार शासन में अधिक पारदर्शिता, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा एवं जवाबदेही हेतु सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है. इस दिशा में सरकार व्हिसल ब्लोअर प्रोटेक्शन विधेयक, विदेशी लोक पदधारी और अंतरराष्ट्रीय लोक संगठन पदधारी रिश्वत निवारण विधेयक, नागरिक शिकायत निवारण अधिकार विधेयक और लोकपाल एवं लोकायुक्त विधेयक अधिनियमित करने को प्राथमिकता देती है और ये विधेयक पहले ही संसद में प्रस्तुत किये जा चुके हैं.’ उन्होंने कहा सरकार प्रभावी रूप से दोषियों को दंडित करने और ईमानदार सरकारी कर्मचारियों को संरक्षण प्रदान करने के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में संशोधन पर भी विचार कर रही है.
खाद्य उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि मौजूदा कारोबारी साल में देश में 25 करोड़ टन से अधिक अनाज उत्पादन होने का अनुमान है. उन्होंने खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित करने की सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहराई. उन्होंने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजनावधि में कृषि तथा संबंधित क्षेत्रों में विकास दर 3.7 फीसदी रही, जो इससे पिछली योजना अवधि में 2.4 फीसदी थी. उन्होंने कहा, 'किसानों की कठिन मेहनत और सरकार की सहायक नीतियों के कारण लगातार दो साल रिकॉर्ड अनाज उत्पादन हुआ. पिछले साल 26 करोड़ टन अनाज उत्पादन हुआ. इस साल कम बारिश के बाद भी 25 करोड़ टन से अधिक अनाज उत्पादन का अनुमान है.' राष्ट्रपति ने कहा, 'सरकार खाद्य सुरक्षा विधेयक को पारित करवाने के लिए प्रतिबद्ध है.'
कश्मीर, पूर्वोत्तर में बेहतर हुई सुरक्षा
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर तथा पूर्वोत्तर के राज्यों में सुरक्षा स्थिति पहले के मुकाबले बेहतर हुई है. राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार नक्सलियों से निपटने के लिए दो तरीके अपना रही है. नक्सल क्षेत्रों में विकास को तवज्जो देने के साथ-साथ वहां पुलिस तंत्र को भी मजबूत बनाया जा रहा है.
मुखर्जी ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर जाने वाले पर्यटकों की संख्या वर्ष 2011 में 8.99 लाख थी, जो वर्ष 2012 में 12.37 तक पहुंच गई. वर्ष 2011 के मुकाबले पिछले करीब छह माह में आतंकवादी हिंसा के कारण होने वाली मौतों में भी कमी आई है.
उन्होंने कहा कि नक्सल हिंसा में कमी आई है. नक्सल हमलों में मरने वालों की संख्या वर्ष 2011 के 611 से घटकर वर्ष 2012 में 414 हो गई है.