प्रसार भारती चीफ ए. सूर्यप्रकाश ने यह मांग की है कि देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोगों को सजा देने के लिए नया कानून बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश की एकता और संप्रभुता पर सवाल उछाने वालों को कड़ी सजा मिले.
सोमवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी के लोक प्रशासन विभाग की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि फरवरी में जेएनयू के अंदर अफजल गुरु के समर्थन में हुआ कार्यक्रम देश के संविधान का खुला अपमान है.
कड़ी कार्रवाई की सिफारिश
प्रसार भारती चीफ ने कहा, 'लॉ कमिशन की 42वीं रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से ऐसे लोगों पर कड़े एक्शन की सिफारिश की गई है जो देश की एकता, न्यायपालिका और संसद पर सवाल उठाते हैं. और ऐसे ही अपराध उन लोगों ने किए हैं जो जेएनयू में पोस्टर लगा लगाकर नारेबाजी कर रहे थे.'
उन्होंने कवियों और लेखकों की ओर से अवॉर्ड लौटाए जाने के फैसले की भी निंदा की और कहा कि दादरी घटना को असहिष्णुता का नाम देने वाले बुद्धिजीवी मौकापरस्त हैं.