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नितिन गडकरी और गिरिराज के साथ काम करेंगे ओडिशा के 'मोदी' प्रताप चंद्र सारंगी

नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए ओडिशा के प्रताप चंद्र सारंगी को दो विभागों का जिम्मा दिया गया है. सारंगी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग का राज्य मंत्री बनाया गया है.

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'ओडिशा का मोदी' के नाम से जाने जाते हैं प्रताप चंद्र सारंगी (फाइल फोटो-PTI)
'ओडिशा का मोदी' के नाम से जाने जाते हैं प्रताप चंद्र सारंगी (फाइल फोटो-PTI)

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नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री बनाए गए ओडिशा के प्रताप चंद्र सारंगी को दो विभागों का जिम्मा दिया गया है. सारंगी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग का राज्य मंत्री बनाया गया है. पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन के कैबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह हैं, जबकि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी हैं. अब नारंगी इन दोनों नेताओं के अंडर मंत्रालय संभालेंगे.

मंत्रालय मिलने के बाद सारंगी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने मुझे आशीर्वाद दिया है और मुझ पर भरोसा किया है. मैं देश की सेवा के लिए खुद को समर्पित करूंगा. हम अपनी पार्टी की विचारधारा के साथ आगे बढ़ेंगे. हमारा एजेंडा सबका साथ सबका विकास है. मैं लोगों का विश्वास हासिल करने की कोशिश करूंगा.

पीएम मोदी से होती है तुलना

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बीजेपी के टिकट पर ओडिशा के बालासोर लोकसभा सीट से जीत दर्ज कर संसद पहुंचे 64 वर्षीय प्रताप चंद्र सारंगी लोगों के बीच 'ओडिशा का मोदी' के नाम से भी जाने जाते हैं. उनकी जिंदगी और उनकी जीवनशैली की तुलना लोग पीएम मोदी से करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब ओडिशा पहुंचते हैं तो प्रताप से जरूर मुलाकात करते हैं.

साइकिल से किया चुनाव कैंपेन

खास बात है कि प्रताप चंद्र सारंगी ने जिस अंदाज में चुनाव लड़ा, वह भी बिल्कुल अलग था. जहां, दूसरे उम्मीदवार बड़ी-बड़ी गाड़ियों में बैठकर चुनावी कैंपेन कर रहे थे, वहीं सारंगी ऑटोरिक्शा से रैली करते थे. वह साइकिल से कैंपेन करने निकल पड़ते थे. वह प्रोफेशनल मैनेजर्स से ज्यादा अपने पार्टी कार्यकर्ताओं पर निर्भर थे.

सोशल मीडिया पर वायरल हुई कई तस्वीरें

चुनाव जीतने के बाद प्रताप चंद्र सारंगी की कई तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई. वह कभी जानवरों की सेवा करते हुए नजर आते हैं तो कभी किसी गुफा में साधना में लीन. उनकी इस सादगी के लोग मुरीद हो गए हैं. चुनाव जीतने के बाद भी उनकी जिंदगी में बहुत बदलाव नहीं आया है. जब उन्होंने बीजेपी के टिकट पर 2004 और 2009 में विधानसभा चुनाव जीता था, तब भी वह उसी सादगी के साथ जीते रहे.

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