ठाणे के एक आलीशान अपार्टमेंट में अपनी पत्नी एवं दो बच्चों के साथ रहने वाले प्रवीण महाजन 22 अप्रैल 2006 को अपने भाई एवं भाजपा के लोकप्रिय नेता प्रमोद महाजन की हत्या करने से पहले एक अनजान व्यक्ति थे.
इस दिन प्रवीण अपने बड़े भाई प्रमोद महाजन के वर्ली स्थित आवास पर गए. एक संक्षिप्त तनावपूर्ण वार्तालाप के बाद प्रवीण ने लाइसेंसी रिवॉल्वर से प्रमोद की हत्या कर दी और फिर एक पुलिस स्टेशन जाकर आत्मसमर्पण कर दिया. उसके बाद प्रवीण एक राष्ट्रीय पहेली बन गए. उनके बारे में और प्रमोद की हत्या के पीछे उनकी मंशा के बारे में लोगों को काफी कम पता है.
प्रमोद उस समय राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण एवं हाई प्रोफाइल नेता थे. प्रमोद 13 दिन बाद तीन मई को चल बसे. प्रवीण को मुंबई की एक सत्र अदालत ने सजा सुनाई और 18 दिसंबर 2007 को उन्हें आजीवन कारावास की सजा हुई. पिछले महीने नासिक जेल से विशेष छुट्टी पर रिहा हुए प्रवीण ने अपने नवीनतम साक्षात्कार में कहा था, ‘मैंने प्रमोद की हत्या नहीं की.’
एक स्कूल शिक्षक के यहां जन्मे प्रवीण (50) पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. उनके छोटे संस्मरण ‘माजा अल्बम’ (मेरा अल्बम) के अनुसार उन्हें अपने भाई के राजनीतिक कॅरियर में काफी रुचि थी लेकिन वह कभी राजनीति में शामिल नहीं हुए.
बड़े भाई प्रमोद ने ही प्रवीण की शादी सारंगी से कराई थी. प्रवीण सलाहकार के रूप में काम करते हुए ठाणे में बस गए. प्रमोद की मौत के 5-6 वर्ष पहले से उनके रिश्तों में खटास आ गई. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से सौंपे गए साक्ष्यों से पता चला कि आर्थिक लेन-देन को लेकर उनके बीच विवाद था.
उनके भाई प्रकाश महाजन ने ‘माजा अल्बम’ के प्रकाशन के बाद आरोप लगाया कि प्रवीण और उनका परिवार प्रमोद के पैसे पर जीवन व्यतीत कर रहा था. हत्या के बाद महाजन परिवार के अन्य सदस्यों ने उनसे संबंध खत्म कर लिए लेकिन सारंगी उनके साथ सुनवाई के दौरान और उसके बाद भी खड़ी रही. उन्हें 27 नवंबर को विशेष अवकाश पर रिहा किया गया.
छुट्टी खत्म होने के सिर्फ 14 दिनों पहले उन्होंने सिर दर्द और रक्तचाप की शिकायत की और 11 दिसंबर की रात उन्हें ठाणे के जुपिटर अस्पताल ले जाया गया. वह अचेतावस्था में पहुंचे और पता चला कि उनके मस्तिष्क में रक्तस्राव (ब्रेन हैमरेज) हो रहा है. वह कोमा में चले गए और फिर ठीक नहीं हुए. पत्नी के अलावा उनके परिवार में कॉलेज जाने वाले दो बच्चे कपिल और वृशाली हैं.