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दिल्‍ली गैंगरेप ने देश को झकझोरा: राष्‍ट्रपति

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित किया.

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प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित किया.

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दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार और उसके बाद आक्रोषित युवाओं के प्रदर्शन को लेकर ताजा चर्चा छेड़ते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सवाल उठाया कि देश की व्यवस्थापिका उभर रहे भारत को प्रतिविम्बित करती है या फिर इसमें मौलिक सुधार की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि एक युवती बर्बर बलात्कार और हत्या का शिकार बनी. वह युवती इस बात का प्रतीक है कि नये भारत को किस तरह बनने की कोशिश करनी चाहिए. इस घटना ने हमारे हृदय को छेद दिया और हमारे मन को बेचैन कर दिया. हमने एक अनमोल जीवन से कहीं ज्यादा खोया है. हमने एक सपना खोया है .
राष्ट्रपति ने सवाल किया कि यदि आज का युवा भारतीय नाराज है तो क्या हम अपने युवाओं को दोषी ठहरा सकते हैं?

एलओसी पर पाकिस्तान की करतूत पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हम दोस्ती का हाथ बढ़ाने को तैयार हैं लेकिन इस हाथ को हल्के में ना ले कोई.
सीमा के तनाव को लेकर राष्ट्रपति ने कहा कि प्रायोजित आतंकवाद देश के लिए बड़ी चिंता का विषय है.

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भ्रष्टाचार को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या नैतिकता पर करप्शन हावी हो गया है. साथ ही प्रणब मुखर्जी ने विधायिका में सुधार की जरूरत की बात कही. उन्‍होंने काह कि जनप्रतिनिधियों को विश्वास जीतना होगा.

असमानता पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नसीहत देते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को समझनी होगी लोगों की समस्याएं, नहीं तो नक्‍सलवाद बढ़ सकता है.

 

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