राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने मौत की सजा पाए एक अपराधी को क्षमादान दे दिया. अब उसे उम्र भर जेल में रहना होगा. पिछले दिनों उन्होंने मौत की सजा पाए 22 मुजरिमों की दया की अपील खारिज कर दी थी.
यह मामला असम का है जहां के डिब्रुगढ़ के निवासी मान बहादुर दीवान उर्फ टोटे दीवान ने 2002 में अपनी पत्नी गौरी और दो नाबालिग बच्चों की हत्या कर दी थी. उसके बाद उसने एक और व्यक्ति की हत्या कर दी और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया था. इस मामले में उसे सजा ए मौत मिली थी और सभी अदालतों ने उसकी दया याचिका ठुकरा दी थी.
इस मामले में राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय की सलाह ली. मंत्रालय का कहना था कि दीवान गरीब व्यक्ति है और उसने निर्धनता तथा बेरोजगारी के कारण सभी की हत्या कर दी, इसलिए उसके बारे में थोड़ा लचीला रुख अपनाया जाए. गृह मंत्रालय की राय को राष्ट्रपति ने माना और अपराधी को क्षमादान दे दिया.