राष्ट्रपति चुनाव के चलते बीजेपी ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक टाल दी है. बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 15 और 16 जून को आंध्र प्रदेश के विशखापत्तनम में होनी थी. दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने 17 जुलाई की तारीख़ तय की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई केंद्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा सांसद, बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कई विधायक बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं. ये सभी राष्ट्रपति चुनाव में वोटर
होते हैं. सभी लोग राष्ट्रपति चुनाव में समय से वोट डाल सके, इसलिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 15 और 16 जून को आंध्र प्रदेश के विशखापत्तनम में बुलाई थी.
फिलहाल इसको कुछ समय के लिए टाल दिया गया है. अब बैठक की नई तारीख़ का एलान जल्दी ही पार्टी की तरफ़ से किया जाएगा. हर तीन महीने में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक देश के अलग-अलग हिस्सों में होती है. मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को खत्म हो रहा है.
राष्ट्रपति चुनाव के इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 10,98,882 वोट होते हैं. जीत के लिए कम से कम 5,49,442 वोट जरूरी हैं. एनडीए (23 पार्टियों के सांसद और राज्यों की विधान सभाओं/विधान परिषदों के सदस्य मिलाकर) के
पास राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित इलेक्टोरल कॉलेज में तकरीबन 48.64 फीसदी वोट हैं.
बीजेपी 5 लाख 32 हजार 19 मगर इनमें से करीब 20 हजार कीमत के वोट एनडीए की सहयोगी पार्टियों के हैं. योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य और पर्रिकर के इस्तीफे रुकवाकर बीजेपी ने 2100 वोटों की कमी पूरी कर ली है. देश के 29 राज्यों में से भाजपा 12 पर काबिज है. भाजपा को मिलाकर एनडीए 15 राज्यों पर काबिज है.