केंद्र सरकार ने आज पांच राज्यों के गवर्नर के नामों का ऐलान कर दिया. राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी बयान के मुताबिक राम नाइक को उत्तर प्रदेश, बलरामजी दास टंडन को छत्तीसगढ़, केसरीनाथ त्रिपाठी को पश्चिम बंगाल और ओम प्रकाश कोहली को गुजरात का राज्यपाल बनाया गया है. पी बी आचार्य को नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. उन्हें त्रिपुरा के गवर्नर की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है. राज्यपाल पद पर इनकी नियुक्ति पदभार ग्रहण के दिन से प्रभावी होगी.
इलाहाबाद में जन्मे त्रिपाठी तीन बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं. उन्होंने बीजेपी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी निभाई है. राजनीति के अलावा त्रिपाठी को लिखने का भी शौक है. उनकी कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. वह पांच बार यूपी विधानसभा के सदस्य रहे. 1977-79 में यूपी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी थे. पिछले लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद सीट से केसरीनाथ को बीजेपी से टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन आखिरी समय में उन्हें टिकट से वंचित होना पड़ा था.
बीजेपी के सीनियर नेता राम नाइक केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार में तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री थे. उन पर रिलायंस के करीबी होने का आरोप लगता रहा है. उन्होंने 13वीं लोकसभा के चुनाव में मुंबई नॉर्थ सीट से जीत हासिल की थी. हालांकि 2004 में कांग्रेस के टिकट से गोविंदा ने उन्हें मात दे दी थी. राम नाइक ने सितंबर 2013 को सक्रिय राजनीति से संन्यास का ऐलान किया था.
पंजाब से बीजेपी के दिग्गज नेता बलरामजी दास टंडन राज्य में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव समिति के प्रमुख थे. जनसंघ के दिनों के नेता 87 साल के बलरामजी दास टंडन ने पंजाब विधानसभा में पांच बार अमृतसर और एक बार राजपुरा का प्रतिनिधित्व किया. सूबे के उप मुख्यमंत्री रहे टंडन दो बार अकालियों के साथ गठजोड़ में बनी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे. उनके बेटे संजय टंडन इस समय चंडीगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष हैं.
संघ के करीबी माने जाने वाले कोहली बीजेपी की स्टूडेंट विंग एबीवीपी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. वह राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं. इसके अलावा 2009 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद उन्हें राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाया गया था.
अन्य नये राज्यपालों के तौर पर लखनऊ के पूर्व सांसद लालजी टंडन, भोपाल के पूर्व सांसद कैलाश जोशी, केरल के बीजेपी नेता ओ राजगोपाल और शांता कुमार के नामों पर पर भी चर्चा चल रही है.
राज्यपालों को हटाने, ट्रांसफर का सिलसिला
केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद कई राज्यों में गवर्नर बदलने का सिलसिला जारी है. पुडुचेरी के उप राज्यपाल वीरेंद्र कटारिया को उनके पद से हटा दिया गया है, वहीं मिजोरम से अपना ट्रांसफर किए जाने से नाराज नगालैंड के राज्यपाल वक्कोम बी पुरुषोत्तम ने पद से इस्तीफा दे दिया है.
गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल का तबादला कर उन्हें मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया है. राजस्थान की राज्यपाल मारग्रेट अल्वा को गुजरात की राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. इससे पहले यूपी के गवर्नर बीएल जोशी, नगालैंड के राज्यपाल अश्विनी कुमार, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम के नारायणन ने इस्तीफा दे दिया था. बिहार के राज्यपाल डी वाई पाटिल को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
पहले ऐसी अटकलें थी कि कल से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र से पहले कुछ नए राज्यपालों की नियुक्ति होगी. गोवा के राज्यपाल बी वी वांचू ने बीते शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया. अगस्ता वेस्टलैंड रिश्वत मामले में सीबीआई ने वांचू और नारायणन से उनके इस्तीफे के ठीक पहले पूछताछ की थी.
दो राज्यपाल एच आर भारद्वाज (कर्नाटक) और देवानंद कुंवर पिछले महीने रिटायर हो गए. हालांकि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा नियुक्त कई राज्यपाल अब भी अपने पद पर कायम हैं. उनमें के शंकरनारायणन (महाराष्ट्र), शीला दीक्षित (केरल), जगन्नाथ पहाडिया (हरियाणा) और शिवराज पाटिल (पंजाब) भी शामिल हैं.