भारत के संविधान निर्माता व समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर का अक्सर नेता अपने भाषण में जिक्र करते हैं और उन्हें अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं. डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था. आज उनकी जयंती के मौके पर देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी. साथ ही अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें डॉ. अंबेडकर की पुरानी तस्वीरें हैं और पीएम मोदी अपने भाषण में उन्हीं का जिक्र कर रहे हैं. वीडियो शेयर करते हुए लिखा, संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रणेता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती पर सादर नमन। जय भीम!
Delhi: Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Dr BR Ambedkar on his birth anniversary. pic.twitter.com/dUohmzYRfw
— ANI (@ANI) April 14, 2019
संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रणेता बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को उनकी जयंती पर सादर नमन। जय भीम! pic.twitter.com/KIZVJC725r
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) April 14, 2019
वहीं, देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंबेडकर जयंती के मौके पर कहा कि डॉ. अंबेडकर हमारे देश के ऑइकन और संविधान के निर्माता हैं. उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर जाति और अन्य पूर्वाग्रहों से मुक्त आधुनिक भारत के निमार्ण के लिए आजीवन संघर्षरत रहे, वे एक ऐसा समाज चाहते थे जहां महिलाओं व कमजोर वर्गों को समान अधिकार प्राप्त हों.
President Kovind: Homage to Dr B.R. Ambedkar on his birth anniversary. An icon of our nation, & Chief Architect of the Constitution, Dr Ambedkar waged a life-long struggle for a modern India free of caste and other prejudices, ensuring equal rights for women and weaker sections. pic.twitter.com/mLWxB7huWS
— ANI (@ANI) April 14, 2019
इसके अलावा भारत रत्न बाबा साहब भीम राव अंबेडकर को अपना आदर्श मानकर राजनीति करने वाली बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी इस मौके पर ट्वीट किया. मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि, एक एक व्यक्ति-एक वोट और हर वोट का एक समान मूल्य का अमूल्य संवैधानिक अधिकार दिया.
एक व्यक्ति-एक वोट और हर वोट का एक समान मूल्य का अमूल्य संवैधानिक अधिकार देकर बाबा साहेब ने सदियों से शोषित-पीड़ित दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों आदि को अपना उद्धार/उत्थान/कल्याण स्वंय करने के लिए सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने का आह्वान किया, जिसे हमें पूरा करना है।
— Mayawati (@Mayawati) April 14, 2019
बाबा साहेब के नाम जाने जाने वाले अंबेडकर ने अपना पूरा जीवन सामाजिक बुराइयों जैसे- छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ संघर्ष में लगा दिया. इस दौरान बाबा साहेब गरीबों, दलितों और शोषितों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते रहे. बता दें कि डॉ. भीमराव अंबेडकर दलित जाति से आते थे, जिस कारण उन्हें छुआछूत और भेदभाव को भी झेलना पड़ा.