राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2.5 करोड़ प्रवासी भारतीयों से भारतीय कंपनियों में निवेश करने तथा नये उद्यम लगाने को कहा ताकि वे आठ प्रतिशत से ऊंची वृद्धि दर हासिल करने में भागीदार बन सकें.
मुखर्जी प्रवासी भारतीय दिवस के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे जिसमें 40 देशों से 2000 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए.
उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजारों से रिटर्न दुनिया में सबसे अधिक है और प्रवासी भारतीय (एनआरआई) उनमें पैसा लगाएं.
उन्होंने कहा कि देश आठ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर दर्ज करने में सफल रहा है.
उन्होंने कहा, वैश्विक आर्थिक मंदी तथा अन्य कारकों के चलते वृद्धि दर कमजोर हुई और यह 8.4 प्रतिशत (2010-11) से घटकर 6 प्रतिशत (2011-12) पर आ गई. 2012-13 की पहली छमाही में यह 5.4 प्रतिशत रही.
राष्ट्रपति ने कहा, हालांकि, जैसा कि भारत की अर्थव्यवस्था बाहरी झटकों को सहने की अपनी क्षमता पहले भी दिखा चुकी है, मुझे उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था का यह लोचदार रूप इस अल्पकालिक मंदी को पलटने तथा आर्थिक वृद्धि को 8-9 प्रतिशत के स्तर पर वापस लाने में मददगार होगा. आप भी देश की इस प्रगति में भागीदार बन सकते हैं.
मुखर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की बढ़ी हुई वृद्धि के लिए निवेश के स्तर को भी बढाना होगा. उन्होंने कहा, आठ प्रतिशत से ऊंची वृद्धि के स्तर को हासिल करने के लिए देश में ऊंची निवेश दर की बहाली जरूरी है. आप सब भारतीय कंपनियों में निवेश तथा नये उद्यम लगाकर इस प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं.
उन्होंने वित्तमंत्री के रूप में उठाये गये प्रमुख कदमों को भी रेखांकित किया जिसमें देश के पूंजी बाजार को पात्र विदेशी निवेशकों (क्यूएफआई) के लिए खोलना शामिल है.
राष्ट्रपति ने 14 लोगों को प्रवासी भारतीय सम्मान 2013 भी प्रदान किए. इनमें परूयग भी शामिल है जिन्हें सार्वजनिक सेवाओं तथा भारत के साथ मित्रवत रिश्ते प्रगाढ़ करने में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया.