राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद सत्र के दौरान हंगामे पर गंभीर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि अल्पमत के शोर में बहुमत की आवाज नहीं दबाई जा सकती है.
उन्होंने कहा कि शासन के लिए बहुमत मिला है. 16वीं लोकसभा से प्रणब मुखर्जी ने काफी उम्मीदें जताई हैं. साथ ही प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अध्यादेश की जगह बिल के लिए संसदीय प्रक्रिया का पालन होना चाहिए. राष्ट्रपति ने सामान्य विधेयकों पर अध्यादेश का रास्ता चुनने के लिए केंद्र सरकार की भी आलोचना की.
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष की ओर से धर्मांतरण के मुद्दे पर लगातार शोर शराबा देखा गया. इस वजह से संसद की कार्रवाई सुचारू ढंग से चल नहीं पाई.