राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने बयानों से लगातार सुर्खियों में रह रहे हैं. टीपू सुल्तान के बाद राष्ट्रपति के नए बयान से एक बार फिर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी परेशान हो सकती है. एक तरफ जहां बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह और अन्य नेता केरल सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं. वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केरल की स्वास्थ्य व्यवस्था और शिक्षा के मॉडल की प्रशंसा की है. जबकि कुछ महीने पहले ही बीजेपी के प्रमुख नेता और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने केरल की स्वास्थ्य व्यवस्था की आलोचना की थी.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में कहा कि दिल्ली या मुंबई में किसी भी ऑफिस के सही संचालन के लिए केरल के मलयाली कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण हैं.
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘दिल्ली और मुंबई और अन्य शहरों में कोई भी अस्पताल या व्यावहारिक रूप से कोई सरकारी या कॉरपोरेट कार्यालय मलयाली कर्मचारी के योगदान के बगैर सुचारु ढंग से काम नहीं कर सकता.' भारत के विकास में मलयाली समुदाय की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कोविंद ने कहा, 'यह कई तरीकों से सच है. तटीय राज्य होने के नाते केरल ने दूसरे देशों और संस्कृतियों के साथ भारतीय संबंध में अगुवा की भूमिका निभायी है. यह व्यापार के मोर्चे पर अव्वल रहा है.' उन्होंने कहा कि मलयाली प्रवासी समुदाय कई खाड़ी देशों के श्रमिक बल का बैकबोन है.
उन्होंने समारोह को संबोधित करते हुए इस तटीय राज्य की ‘असामान्य एवं महत्वपूर्ण पहचान’ के बारे में बात की. साथ ही केरल से संबंध रखने वाले प्रवासी भारतीयों के बारे में बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि वे केरल और भारत के विकास में मदद के लिए पैसे भेजते हैं.
राष्ट्रपति ने केरल हाई कोर्ट के डायमंड जुबली फंक्शन में भाग लिया. इस दौरान दिए गए उनके बयान से बीजेपी ज्यादा खुश नहीं होगी क्योंकि बीजेपी के नेता राइट विंग के कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों को लेकर लगातार केरल सरकार पर हमलावर है. ऐसे में तारीफों के यह शब्द उन्हें चुभ सकते हैं.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कुछ दिन पहले टीपू सुल्तान की तारीफ करके राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था. कर्नाटक विधानसभा के 60वीं सालगिरह पर संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा था कि टीपू सुल्तान अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ते हुए शहीद होने वाले योद्धा थे. कर्नाटक सरकार साल 2015 से 10 नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है, लेकिन इस साल इसका विरोध तेज हुआ है. बीजेपी इसका कड़ा विरोध कर रही है. ऐसे में राष्ट्रपति का यह भाषण सूबे में बीजेपी के रुख के खिलाफ माना जा रहा है. बीजेपी ने टीपू सुल्तान की जयंती के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन करने का भी ऐलान कर रखा है. वहीं, राष्ट्रपति के बयान के बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने टीपू सुल्तान को हत्यारा करार दिया है.