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12 प्वाइंट में समझिए राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना का पूरा गणित

लोकसभा-विधानसभा चुनाव की तरह राष्ट्रपति चुनाव में मतपत्र पर कोई चुनाव चिन्ह नहीं होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि राष्ट्रपति का पद किसी भी राजनीतिक दल या विचारधारा से ऊपर माना जाता है.

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रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार
रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार

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राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है. चुनाव में एनडीए की ओर से रामनाथ कोविंद का मुकाबला यूपीए की प्रत्याशी मीरा कुमार से है. 17 जुलाई को वोट डाले गए थे और आज सुबह से वोटों की गिनती की जा रही है.

1-राष्ट्रपति चुनाव में ईवीएम के जरिए नहीं बल्कि मतपत्रों के जरिए वोट डाले गए थे, वोटों की गिनती का काम भी मैनुअली किया जा रहा है.

2-लोकसभा-विधानसभा चुनाव की तरह राष्ट्रपति चुनाव में मतपत्र पर कोई चुनाव चिन्ह नहीं होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि राष्ट्रपति का पद किसी भी राजनीतिक दल या विचारधारा से ऊपर माना जाता है.

3-वोटिंग सीक्रेट मतपत्र के जरिए होती है और राजनीतिक दल इस चुनाव के लिए किसी तरह का व्हिप भी जारी नहीं कर सकते.

4-मतपत्र में दो कॉलम होते हैं जिनमें से एक में प्रत्याशी का नाम तथा दूसरे में पसंद का क्रम लिखा जाता है. हर वोटर चुनाव मैदान में मौजूद हर प्रत्याशी के बारे में अपनी पसंद का क्रम बता सकता है. हालांकि अगर वो किसी प्रत्याशी के बारे में ऐसा नहीं करना चाहता तो इससे उसका वोट अवैध साबित नहीं होता.

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5-मतपत्रों की गणना में पहले लोकसभा और राज्यसभा में डाले गए वोटों की गिनती होती है और उसके बाद राज्यों की विधानसभा, विधान-परिषदों में डाले गए वोट गिने जाते हैं.

6-राज्यों की विधानसभा के वोट गिने जाने की प्रक्रिया भी तय होती है. राज्यों के पहले अक्षर के वर्णानुक्रम में वोट गिने जाते हैं. जैसे सबसे पहले असम, अरुणाचल प्रदेश के वोट गिने जाएंगे और सबसे अंत में उत्तर प्रदेश के.

7-रिटर्निंग अफसर सभी मतपत्रों की जांच कर वैध मतपत्रों की गिनती करते हैं और जिस मतपत्र में किसी कैंडिडेट को पहली पसंद बताया गया है उसे उस कैंडिडेट के लिए तय ट्रे में रख दिया जाता है.

8-संसद के वोटों की गणना के बाद देश के 29 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली व पुडुचेरी के वोट गिने जाने हैं.

9-लोकसभा, विधानसभा व अन्य चुनावों के इतर राष्ट्रपति चुनाव में विजेता को कुल डाले गए वोट के 50 फीसदी से अधिक वोट हासिल करने होते हैं. इसे कोटा कहा जाता है.

10-कोटा निकालने का भी फॉर्मूला होता है. मसलन राष्ट्रपति चुनाव में कुल 100001 वैध वोट हैं तो विजेता को 1,00,001/2 + 1= 50,000.50 + 1 यानी कम से कम 50,001 वोट हासिल करने होंगे.

11-रिटर्निंग अफसर ये देखता है कि क्या पहले राउंड की वोटिंग में ही किसी प्रत्याशी को तय कोटे के वोट मिल गए हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो वो दूसरे राउंड की काउंटिंग करवाता है.

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12-राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज 10 लाख 98 हजार 903 वोटों का था. 99 फीसदी वोटिंग हुई यानी कुल 10 लाख 87 हजार 913.97 वोट पड़े. इस तरह रामनाथ कोविंद या मीरा कुमार को ये मुकाबला जीतने के लिए 5 लाख 43 हजार 957 वोट चाहिए होंगे.

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