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प्रणब ने गृहमंत्रालय को भेजी अफजल की याचिका

अजमल कसाब को फांसी पर लटकाये जाने के बाद वर्ष 2001 में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को भी जल्दी फांसी दिये जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है और विपक्षी बीजेपी ने पुरजोर तरीके से यह बात उठाई.

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अफजल गुरू
अफजल गुरू

अजमल कसाब को फांसी पर लटकाये जाने के बाद वर्ष 2001 में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को भी जल्दी फांसी दिये जाने की मांग ने जोर पकड़ लिया है और विपक्षी बीजेपी ने पुरजोर तरीके से यह बात उठाई.

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कांग्रेस महासचिव दिग्जिवय सिंह ने भी कहा कि सरकार को अफजल गुरू के मुद्दे पर जल्दी फैसला लेना चाहिए जिसे 2004 में फांसी की सजा सुनाई गयी थी.

इस बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अफजल गुरू समेत सात दोषियों की दया याचिकाओं को केंद्रीय गृह मंत्रालय के विचारार्थ लौटा दिया.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि नये गृह मंत्री के कार्यभार संभालने के बाद राष्ट्रपति की ओर से सभी लंबित दया याचिकाओं को उनके विचार के लिए भेजना एक सामान्य प्रक्रिया है.

उन्होंने कहा कि सुशील कुमार शिंदे ने एक अगस्त को गृहमंत्री के तौर पर कामकाज संभाला था, इसलिए अफजल गुरू की दया याचिका समेत सात दया याचिकाओं को शिंदे को विचारार्थ भेजा गया.

शिंदे ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया कि अफजल पर फैसला कब लिया जाएगा.

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बीजेपी नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘अफजल गुरु के बारे में क्या, जिसने संसद, हमारे लोकतंत्र के मंदिर पर 2001 में हमला किया. वह अपराध कसाब के घृणित अपराध से कई सालों पहले हुआ था.’

अफजल की फांसी की मांग तेज
कसाब की फांसी पर बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि इसमें देरी हुई. उन्होंने कहा कि अफजल गुरू को अभी तक फांसी क्यों नहीं दी गयी. गडकरी ने दिल्ली में एक रैली में कहा, ‘कसाब को फांसी दे दी गयी. लेकिन इसमें बहुत वक्त लगा. मैं यूपीए सरकार से पूछना चाहता हूं कि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को घटना के 10 साल बाद भी फांसी पर क्यों नहीं लटकाया गया? क्या यह सरकार अफजल गुरू पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करेगी. इस सरकार को स्पष्ट करना चाहिए.’ उन्होंने कांग्रेस पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया.

कसाब को फांसी की सजा का स्वागत करते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने उम्मीद जताई कि सरकार पाकिस्तान में आरोपियों के खिलाफ मामला चलाने पर जोर देगी और अफजल गुरू पर जल्दी फैसला लेगी.

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा कि अफजल गुरू को भी फांसी दी जानी चाहिए.

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पुणे की यरवदा जेल के बाहर ‘वंदे मातरम’ के नारे लगा रहे शिवसैनिकों के एक समूह ने भी अफजल गुरू को भी इसी तरह फांसी पर लटकाने की मांग की.

बीजेपी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अफजल को जल्दी फांसी देकर आतंकवादियों को कड़ा संदेश देना चाहिए.

26/11 के हमले के दौरान शहीद हुए मुठभेड़ मामलों के विशेषज्ञ विजय सालस्कर की पत्नी स्मिता सालस्कर ने भी उम्मीद जताते हुए कहा कि अफजल गुरू को जल्दी फांसी पर लटकाया जाए.

अफजल की सजा पर हो अमल
अजमल कसाब को फांसी दिये जाने का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि साल 2001 में संसद पर हमला करने के मामले में दोषी करारा अफजल गुरू की फांसी की सजा पर भी अमल होनी चाहिए.

आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘हम 26 नवंबर 2008 को मुम्बई पर आतंकी हमला करने और निर्दोष लोगों की हत्या करने के मामले में दोषी करार दिये गए अफजल गुरू को फांसी दिये जाने के भारत सरकार के निर्णय का स्वागत करते हैं.’

उन्होंने हालांकि कहा कि जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि तभी मिलेगी जब 2001 में संसद भवन पर हमला करने के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से मिली फांसी की सजा पर तत्परता से अमल किया जाए.

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