एक कतार में घुटनों के बल बैठी महिलाएं और इन महिलाओं पर कोड़े की बारिश. आप इसे बर्बर भी कह सकते हैं लेकिन ये जानकर आप हैरान होंगे कि ना तो इन महिलाओं को किसी गलती की सजा दी जा रही है और ना ही उन पर जबरन जुल्म ढाहा जा रहा. बल्कि ये महिलाएं इसके लिए अपनी मर्जी से पहुंची हैं.
भगवान को खुश करने की परंपरा
तमिलनाडु के नमकल्ल जिले में ये भगवान को खुश करने की परंपरा है. ये है तमिलनाडु के नमक्कल जिले के वेल्ललपट्टी का अचप्पन मंदिर. ऐसी मान्यता है यहां पुजारी से कोड़ा या सोंटा खाने से महिलाओं की मुराद पूरी होती है. इस बार अपनी मुराद पूरी कराने के लिए करीब दो हजार महिलाएं यहां पहुंची थीं. यहां तक कई नाबालिग लड़कियां भी इसमें शामिल थीं.
प्रशासन को है सारी जानकारी
कई अपनी बीमारी ठीक कराने आई थीं, तो कइयों को लगता था कि उन पर बुरी आत्मा का साया है. हैरानी की बात ये है कि अंधविश्वास के इस आदिम खेल का कोई विरोध नहीं कर रहा. उल्टा पुलिस व्यवस्था बनाने में जुटी हुई है. अब तक ये भी पता नहीं चल पाया है कि किसी को इससे फायदा भी पहुंचा क्या?