भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी शुक्रवार को फिर दोहराया कि पौने दो लाख करोड़ रुपये के 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के लिए प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकते.
पार्टी के ‘नगरी सुराज संकल्प सम्मेलन’ के उद्घाटन के लिए यहां आये गडकरी ने कहा कि वर्ष 2006 में संप्रग सरकार के घटक दल डीएमके के तत्कालीन दूरसंचार में दयानिधि मारन के दबाव में उन्होंने टूजी स्पेक्ट्रम के मूल्यांकन को अधिकार संबद्ध सचिवों की आपत्ति के बावजूद ‘मंत्रियों के समूह’ (जीओएम) के अधिकार क्षेत्र से निकालकर दूरसंचार मंत्रालय को दे दिया. इसका फायदा उठाकर मारन के बाद दूरसंचार मंत्री बने ए. राजा ने पौने दो लाख करोड़ का घोटाला कर डाला.
गडकरी ने दो टूक शब्दों में कहा कि कांग्रेस पार्टी और प्रधानमंत्री ने सहयोगी दल डीएमके के सामने घुटने टेक दिये और टू जी स्पेक्ट्रम का सारा घोटाला प्रधानमंत्री की जानकारी में हुआ. उन्होंने कहा कि अकेले राष्ट्रमंडल खेलों और 2जी स्पेक्ट्रम में संप्रग सरकार के राज में 2.50 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है और प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते. {mospagebreak}
गडकरी ने किसानों की समस्याओं और आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के लिए संप्रग सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का परिणाम बताते हुए कहा कि कृषि मंत्री शरद पवार ने स्वयं स्वीकार किया है. हर वर्ष 58 हजार करोड़ रुपये का अनाज सड़ जाते है, लेकिन किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम नहीं मिल रहा है.
गडकरी ने उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि यहां किसानों की हालत खराब है और उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज भी नहीं मिल पा रहा है. बिहार विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार के नेतृत्व में राजग सरकार की वापसी का भरोसा जताते हुए गडकरी ने कहा कि वे पूरे विश्वास के साथ यह कह सकते हैं कि विकास की राजनीति से जातिवाद की राजनीति का दौर समाप्त हो चुका है और 21वीं सदी की राजनीति में जाति की नहीं विकास की प्रधानता होगी.
उत्तर प्रदेश को लेकर पार्टी की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हम उत्तर प्रदेश के दूरगामी विकास के लिए ‘विजन डॉक्यूमेंन्ट 2025’ बना रहे है और हमें भरोसा है कि विकास की राजनीति करके भाजपा उत्तर प्रदेश में जोरदार वापसी करेगी.’ {mospagebreak}
इससे पूर्व, पार्टी के ‘नगरीय सुराज संकल्प सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए भी गडकरी ने 12 राज्यों से आये नगरीय निकायों के पार्टी पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों को भी राजनीति के विकास को प्रधानता देने की नसीहत दी. साथ ही यह चेतावनी भी कि अब पार्टी में चुनाव का टिकट बड़े नेताओं के आशीर्वाद भर से नहीं बल्कि जनता के बीच किये गये काम के बल पर बनायी गयी जनस्वीकार्यता के आधार पर किया जायेगा. इसके लिए अपने गांव, मोहल्ले और इलाके में काम करने की जरूरत है, दिल्ली आना जरूरी नहीं है.
यह कहते हुए कि 21वीं सदी की राजनीति विकास की राजनीति होगी, गडकरी ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपानीत राजग की वापसी सुनिश्चित है. मगर हमें अभी से विकासपरक सुशासन देने की तैयारी करके रखनी होगी ताकि हम जनता के भरोसे पर खरे उतरे.
उन्होंने घटनाओं के उल्लेख से बताया, ‘यदि हम लोगों की समस्याएं समझ कर, उनके बीच जाकर उनका समाधान करते है तो निश्चित तौर पर लोग जाति बंधन को तोड़कर हमारे साथ जुड़ेंगे और चुनाव में हमें चुनेगे.’ गडकरी ने बार-बार दोहराया कि सकारात्मक सोच और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम किया जाए तो चाहे यातायात की समस्या हो अथवा स्वच्छ पेय जल की. सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है और धन की कमी बाधा नहीं बनती. {mospagebreak}
उन्होंने कहा कि यह यथार्थ है कि गांवों से शहरों की तरफ पलायन बढ़ रहा है, जिसके लिए नगरीय अवस्थापना सुविधाओं को मजबूत बनाने के साथ ही गांवों का विकास करके वहां रोजी रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे और यदि सही सोच के साथ प्रयत्न किया जाये तो सारी समस्याओं का समाधान सम्भव है.
यह कहते हुए कि भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन और भय मुक्त समाज भाजपा का लक्ष्य है और इसके लिए हम लड़ेंगे, जीतेंगे और जीतकर अपना लक्ष्य हासिल करेंगे. इस भाव को लेकर हमें जमीनी स्तर पर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि टिकट वही पायेगा जो ठोस काम करेगा, सिफारिश आशीर्वाद से टिकट नहीं मिलेगा. देश में सभी प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और यदि स्वच्छ और सकारात्मक राजनीति का संकल्प लेकर काम किया जाये तो हर समस्या का समाधान संभव है.
पार्टी के शुक्रवार को शुरू हुए दो दिवसीय ‘नगरीय सुराज संकल्प सम्मेलन’ में देश के 12 राज्यों के निगमो एवं नगर निकायो में भाजपा के चुने हुए महापौर, उपमहापौर और प्रतिनिधियों के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के नगर विकास मंत्री और पार्टी के नगरीय निकाय प्रकोष्ठ से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हो रहे है.
सम्मेलन में खासकर यातायात, प्रदूषण, पेयजल, कचरा प्रबंधन एवं नगरीय विकास से जुड़ी अन्य अवस्थापना सुविधाओं के बारे में चर्चा होगी और सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिनिधि इस संबंध में अपने अपने अनुभवों एवं उपलब्धियों का आदान प्रदान करते हुए भावी रणनीति तैयार करेंगे.