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प्रधानमंत्री ने पाकिस्‍तान व चीन को आड़े हाथों लिया

अमेरिकी दौरे पर गए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जबरदस्त तेवर में दिखे. अमेरिकी विदेश नीति में दखल रखने वाले काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशन के सामने बोलते हुए प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से लेकर पाकिस्तान औऱ चीन, सभी मुद्दों पर बेबाक तरीके से भारत के रुख को सामने रखा.

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अमेरिकी दौरे पर गए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जबरदस्त तेवर में दिखे. अमेरिकी विदेश नीति में दखल रखने वाले काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशन के सामने बोलते हुए प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से लेकर पाकिस्तान औऱ चीन, सभी मुद्दों पर बेबाक तरीके से भारत के रुख को सामने रखा.
 
अमेरिका के काउंसिल ऑफ फॉरेन रिलेशन के सामने पीएम के भाषण में आतंकवाद का मुद्दा सबसे ऊपर था. इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री एक तीर से कई लक्ष्यों को साधते नजर आए. मनमोहन सिंह ने आतंकवाद पर अमेरिका और पाकिस्तान दोनों की नीतियों को कटघरे में खड़ा किया. प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि आतंकवाद को लेकर कोई दोहरी नीति काम कर जाएगी. हम एक जगह आतंकवाद को नजरअंदाज कर दूसरी जगह उससे नहीं जीत सकते'.
 
मतलब साफ है कि भारत के खिलाफ साजिश रचने वालों को बख्श कर आतंकवाद को खत्म नहीं जा सकता. 26/11 के मुंबई हमले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने साफ-साफ कह दिया कि पाकिस्तान ने वादाखिलाफी की है. मुंबई के गुनहगार अब भी पाकिस्तान में आजाद घूम रहे हैं. एक सवाल का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने चीन पर भी निशाना साधा. चीन की दबाव बनाने की नीति की आलोचना करते हुए पीएम ने कहा कि पड़ोसी देश के रवैये में इस बदलाव की वजह को समझे जाने की जरूरत है.
 
ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर कोपेनहेगेन मे होने वाली बैठक को कामयाब बनाने पर भी प्रधानमंत्री ने जोर दिया. पीएम ने कहा कि आद्योगीकरण के रास्ते पर भारत देर से आया, हालांकि ग्लोबल वॉर्मिंग के लिए कम जिम्मेदार है, फिर भी वो इसके समाधान के लिए मिलकर काम करने को तैयार है, लेकिन हम ऐसा अपने विकास की कीमत पर नहीं करेंगे. जाहिर है कि ओबामा से मुलाकात के पहले ही प्रधानमंत्री ने सभी बड़े मुद्दो पर भारत का नजरिया साफ कर दिया है.

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