जम्मू-कश्मीर की सीमा पर तकरीबन हर रोज हो रही गोलीबारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीनों सेनाओं के प्रमुखों से पहली बार मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री बनने के बाद ये पहला मौका है जब मोदी कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में शिरकत कर रहे हैं. वैसे तो ये समारोह हर साल होता है लेकिन इस बार पाकिस्तान से लेकर चीन की सीमा तक चल रही गड़बड़ी के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है.मुशर्रफ बोले, भारत से लड़ने के लिए पाक सेना के अलावा लाखों लड़ाके तैयार
इस दौरान चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के नाते वायुसेना प्रमुख अरूप राहा तीनों बलों से जुड़े मुद्दों के बारे में प्रधानमंत्री को सबसे पहले जानकारी देंगे. इस दौरान वो सीमा पर चल रही गतिविधियों से भी प्रधानमंत्री को वाकिफ कराएंगे. इसके बाद नौसेना प्रमुख आर के धवन और आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग भी अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय चुनौतियों की रूपरेखा प्रधानमंत्री के सामने पेश करेंगे. दिन भर चलने वाली इस बैठक में खासतौर पर पाकिस्तान और चीन को लेकर रणनीति पर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में रक्षामंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी मौजूद हैं.
जाहिर है सीमा पर जवानों की उंगलियों ने जवाब दिया. पाकिस्तान थोड़ी देर के लिए खामोश भी हो गया लेकिन सुधरना तो पाकिस्तान ने सीखा ही नहीं है. अब भी वो रह रह कर सीमा पर गोलीबारी करता ही रहता है. तीनों सेना प्रमुखों के साथ आज की बैठक में प्रधानमंत्री इससे निपटने की रणनीति पर चर्चा करेंगे. इसके अलावा चीन की चालबाजी से पार पाने पर भी विचार किया जाएगा. अब जब भारत ने अरुणाचल प्रदेश में अपनी सरजमीं में सड़क बनाने की बात की तो चीन ने ऐतराज जता दिया जिसपर ड्रैगन को गृहमंत्री ने जोरदार जवाब भी दे डाला. गृहमंत्री ने कहा, 'हम क्रिया करते हैं.' सीमा पर झड़पों में 12 पाकिस्तानी रेंजर्स मारे गए
कुल मिलाकर कहें तो तीनों सेना प्रमुखों के साथ आज की बैठक में एजेंडा पाकिस्तान की एलओसी से लेकर चीन की एलएसी के इर्द गिर्द घूमती रहेगी.