माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिषद की सिफारिशों के बाद माल एवं सेवा कर व्यवस्था और सरल हो गई है. उन्होंने कहा कि यह नागरिकों के हितों की रक्षा और देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि सुनिश्चित करने के लिये सरकार के निरंतर प्रयासों के अनुरूप है.
उन्होंने व्यापक रूप से प्रतिक्रया के लिए विभिन्न पक्षों को जोड़ने को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनकी टीम को बधाई दी और कहा कि इसी वजह से आज ये सिफारिशें आई हैं. बता दें कि जीएसटी लागू किए जाने के तीन महीने बाद ये बदलाव किए गए हैं.
प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा है, 'माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अब और सरल हो गया है. आज की सिफारिशों से लघु एवं मझोले कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी.' गौरतलब है कि जीएसटी परिषद ने छोटे एवं मझोले उद्यमों को कर के भुगतान और रिटर्न दाखिल करने के मामले में बड़ी राहत दी है. निर्यातकों के लिए नियमों को आसान बनाया गया है और कलम, पेंसिल, बिना ब्रांड वाले नमकीन और आयुर्वेदिक दवाओं सहित दो दर्जन से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी दर में कटौती की गई है.
साथ ही अब हर 3 महीने में रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था पर सहमति बन गई है. 1.5 करोड़ रुपये टर्नओवर पर हर 3 महीने में रिटर्न भरनी होगी. कंपोजिशन स्कीम की सीमा 75 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है. वहीं निर्यातकों को 6 महीने के लिए राहत, 6 महीने बाद हर एक निर्यातक को ई-वॉलेट मिलेगा. ई-वॉलेट सिस्टम 1 अप्रैल 2018 से पूरी तरह लागू हो जाएगा. इस व्यवस्था को एक कंपनी विकसित करेगी.