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बजट से पहले अर्थशास्त्रियों के साथ PM नरेंद्र मोदी की बैठक, रोजगार निर्यात पर चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में शामिल अर्थशास्त्रियों और एक्सपर्ट ने 5 अहम मुद्दों पर अपनी राय से पीएम नरेंद्र मोदी को अवगत कराया. इन बिन्दुओं में मैक्रो इकोनॉमी और रोजगार, कृषि और जल संसाधन, निर्यात, शिक्षा और स्वास्थ्य शामिल था. प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था पर अलग अलग नजरिया पेश करने के लिए सभी लोगों को धन्यवाद दिया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल (फोटो-एएनआई)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल (फोटो-एएनआई)

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आम बजट-2019 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के 40 अर्थशास्त्रियों और एक्सपर्ट के साथ मीटिंग की. इस बैठक का आयोजन नीति आयोग ने किया था. इस मीटिंग का एजेंडा था "Economic Policy – The Road Ahead". बैठक में शामिल अर्थशास्त्रियों और एक्सपर्ट ने 5 अहम मुद्दों पर अपनी राय से पीएम नरेंद्र मोदी को अवगत कराया. इन बिन्दुओं में मैक्रो इकोनॉमी और रोजगार, कृषि और जल संसाधन, निर्यात, शिक्षा और स्वास्थ्य शामिल था. प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था पर अलग अलग नजरिया पेश करने के लिए सभी लोगों को धन्यवाद दिया. विशेषज्ञों ने रोजगार, निर्यात और कृषि सेक्टर की समस्याओं के मद्देनजर पीएम को अहम सुझाव पेश किया.

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को नरेंद्र मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला बजट पेश करने वाली हैं, इस लिहाज से पीएम नरेंद्र मोदी की ये मीटिंग काफी अहम हैं. अर्थशास्त्रियों के साथ पीएम की मीटिंग का असर बजट में देखने को मिल सकता है. बता दें कि शनिवार को ही हलवा सेरेमनी के साथ बजट प्रिंटिंग की प्रक्रिया भी शुरु हो गई है.

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दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ संभालने वाले पीएम नरेंद्र मोदी को देश की खस्ता अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का जिम्मा है. इस  बैठक में वित्त मंत्रालय के सभी पांच सचिव और नीति आयोग के अधिकारी भी शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि शनिवार को अर्थशास्त्रियों और दूसरे एक्सपर्ट के साथ उनकी अहम बैठक हुई. इस बैठक में मैक्रो इकोनॉमी और रोजगार, कृषि, जल संसाधन, निर्यात, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.

देश की जीडीपी पांच साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचकर 2018-19 में 6.8 प्रतिशत पर पहुंच चुकी है.हालांकि महंगाई दर अभी भी नियंत्रण में हैं, लेकिन आर्थिक विकास गोते लगा रहा है. जनवरी-मार्च की तिमाही में विकास दर 5 साल के न्यूनतम स्तर पर जाकर 5.8 पर पहुंच गया है. इसकी वजह कृषि और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का निराशाजनक प्रदर्शन रहा है. लिहाजा प्रधानमंत्री और उनकी टीम की मुख्य चुनौती मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश बढ़ाना और किसानों की आय बढ़ाना है. हालांकि मॉनसून की बेरुखी ने अर्थशास्त्रियों का चिंता और भी बढ़ा दी है.

हाल ही में प्रधानमंत्री ने नीति आयोग की बैठक में 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक करने का लक्ष्य रखा था. इसके लिए उन्होंने राज्यों से पूरी क्षमता के साथ काम करने को कहा था.

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