प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जब पाकिस्तान के 90 हजार सैनिक हमारे कब्जे में थे भारत ने उनके एवज में करतारपुर साहिब को वापस क्यों नहीं लिया. दिल्ली में एनसीसी की सालाना रैली को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश का बंटवारा किन परिस्थितियों में हुआ वे इस पर नहीं जाना चाहते हैं.
पीएम ने कहा कि किनके स्वार्थों की वजह से बंटवारा हुआ इस पर जाने की जरूरत नहीं है. लेकिन बंटवारे के वक्त कागज पर एक लकीर खींच दी गई है और इस लकीर ने करतारपुर गुरुद्वारे को पाकिस्तान में कर दिया.
कांग्रेस की सरकार से पीएम का सवाल
पीएम ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकरों से सवाल पूछते हुए कहा कि आखिर ऐसा होने क्यों दिया गया. दशकों तक सिख श्रद्धालु वहां जाने के लिए इंतजार करते रहे. लेकिन उनकी सरकार ने सालों पुरानी समस्या का समाधान कर सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर कॉरिडोर का रास्ता खोला.
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वापस ले सकते थे करपारपुर
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों को हमारी सेना ने बंदी बनाया था, वो हमारी सेना के कब्जे में थे, देश उन्हें छोड़ने के लिए कुछ भी शर्तें तय करता, जो चाहे वो निकलवा सकता था. जब 90 हजार पाकिस्तानी सैनिक हमारे कब्जे में थे तो हम करतारपुर साहिब वापस ले सकते थे, लकीर बदल सकते थे. लेकिन ये भी नहीं किया गया.
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भारत के पुराने वायदे को पूरा करने के लिए CAA
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से आजाद भारत ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों से ये वादा किया था कि अगर उनको जरूरत होगी तो वो भारत आ सकते हैं. पीएम ने कहा कि यही इच्छा महात्मा गांधी की भी थी और इसी मुद्दे को लेकर 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता भी हुआ था. पीएम ने कहा कि ऐसे लोगों के साथ हुए ऐतिहासिक अन्याय को रोकने के लिए भारत के पुराने वादे को पूरा करने के लिए आज बीजेपी सरकार CAA लेकर आई है.