प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 72वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने सरकार की उपलब्धियों को बखान करते हुए देश के कई महापुरुषों का नाम भी लिया और उनके द्वारा किए गए देशहित के कार्यों के बारे में बताया. इस दौरान उन्होंने मुख्य तौर पर इन पांच महापुरुषों का नाम लिया...
प्रधानमंत्री मोदी ने तमिल कवि और क्रांतिकारी सुब्रमण्यम भारती की एक कविता सुनाकर उनका जिक्र किया और उन्होंने उनकी 'इंडिया अलीगिरी कुम' कविता सुनाई और इसका मतलब भी बताया. बता दें कि सुब्रमण्यम भारती एक तमिल कवि थे, जिन्हें 'महाकवि भरतियार' के नाम से भी जाना जाता है. देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत कविताएं लिखने वाले भारती कवि के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल सेनानी, समाज सुधारक, पत्रकार भी थे. भारती की रचनाओं से प्रभावित होकर दक्षिण भारत में बड़ी संख्या में लोग आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में श्री अरविंद (अरविंद घोष) का भी जिक्र किया. इस दौरान उन्होंने अरविंद की एक रचना सुनाई. बता दें कि आज उनकी जयंती भी है. इस दौरान उन्होंने कहा, 'राष्ट्र, मातृभूमि क्या है. ये सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है, न संबोधन है. राष्ट्र एक विशाल शक्ति है जो छोटी छोटी इकाइयों को ऊर्जा का मूल रूप देती है.' बता दें कि दार्शनिक श्री अरविंद ने युवा अवस्था में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिकारी के रूप में भाग लिया, किन्तु बाद में यह एक योगी बन गये और इन्होंने पांडिचेरी में एक आश्रम स्थापित किया.
महात्मा गांधी
मोदी ने भाषण में महात्मा गांधी को याद किया. उन्होंने कहा, पूज्य बापू के नेतृत्व में अनेक महापुरुषों और सत्याग्रह की दुनिया में रहने वालों ने जवानी जेलों में काट कर आजादी के इस संघर्ष में भारत के सपनों को भी संजोया है. साथ ही उन्होंने भाषण के बीच में कहा, 'उन्होंने आजादी से ज्यादा महत्व स्वच्छता को दिया था. गांधी जी की प्रेरणा ने स्वेच्छाग्रही तैयार किए हैं.
दीन दयाल उपाध्याय
मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय को याद किया और 25 सितंबर को उनकी जयंती पर एक योजना शुरू करने की भी घोषणा की है. मोदी ने बताया कि करीब 50 करोड़ नागरिकों को 5 लाख रुपए देने की सालाना हेल्थकेयर सुविधा की योजना है और 25 सितंबर यानी पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से योजना पूरे देश में लागू होगी.
भीमराव अबंडेकर
मोदी ने अंबेडकर को याद करते हुए कहा कि आजादी के बाद पूज्य बाबा साहेब अंबेडकर के नेतृत्व में समावेशी संविधान का निर्माण किया. उन्होंने कहा, 'हमारे लिए सीमा रेखा तय करके आया है. समाज के हर वर्ग, हर तबके को आगे ले जाने के लिए संविधान मार्ग दर्शन करता रहा है. सभी को न्याय मिले, सबको आगे बढ़ने का अवसर मिले.