राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देने के लिए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में खड़े हुए तो उनके निशाने पर कांग्रेस ही थी. मोदी ने कांग्रेस और उसकी पिछली सरकारों पर तीखे हमले किए. इन दौरान उन्होंने कई बातें ऐसी भी कहीं जिनपर संसद में खूब ठहाके लगे और विपक्ष तिलमिलाकर रह गया.
भूकंप
आखिर भूकंप आ ही गया. मैं सोच रहा था कि यह भूकंप आया कैसे? क्योंकि धमकी तो बहुत पहले सुनी थी. कोई तो कारण होगा कि धरती मां इतनी रूठ गई होगी. जब कोई SCAM में भी सेवा का भाव देखता है. स्कैम में भी नम्रता का भाव देखता है, तो मां नहीं धरती मां भी दुखी हो जाती है. तब जाकर भूकंप आता है.
कुत्ते
हर युग में इतिहास को जानने-जीने का प्रयास जरूरी है. इस समय हम थे या नहीं थे, हमारे कुत्ते भी थे या नहीं थे. औरों के कुत्ते हो सकते हैं. हम कुत्तों वाली परंपरा से पले-बढ़े नहीं हैं. देश के कोटि कोटि लोग तब भी थे जब कांग्रेस का जन्म भी नहीं हुआ था. 1857 के स्वंत्रता संग्राम को लोगों ने जान की बाजी लगाकर और मिलकर लड़ा था. तब भी कमल था, आज भी कमल है.
भगवंत मान
आप लोगों ने चार्वाक का दर्शन अपना लिया था. चार्वाक कहते थे यदा जीवेत सुखं जीवेत, ऋण कृत्वा, घृतं पीवेत' अर्थात जब तक जिओ सुख से जिओ, उधार लो और घी पिओ. उस जमाने में घी पीने का दौर था इसलिए घी कहा, भगवंत मान रहते तो कुछ और पीने के लिए कहते.
बदलाव
तीन साल पहले के अखबारों को उठाकर देखिए. तब छपता था - कोयले में कितना गया, 2जी में कितना गया? और अब दिखता है कि आज कितना आया? यही तो बदलाव है. एक नेता कहते हैं कि मोदी ने खोदा पहाड़ और निकली चुहिया. मैं बता दूं कि मैं चुहिया ही चाहता था क्योंकि वो ही सभी कुतर-कुतर के खा जाती है. ये चुहिया पकड़ने का ही काम है और ये काम तेज गति से चल रहा है. क्योंकि किसान मेहनत करके फसल उगाता है. चुहिया खा जाती है.
कैशलेस
आप लोग कहते थे राजीव गांधी कंप्यूटर लाए, राजीव गांधी मोबाइल लाए ये आप लोग ही कहते रहे हैं. मैंने इसमें कुछ अच्छा जोड़ने की कोशिश की तो आप अब कह रहे हैं कि मोबाइल फोन है हीं कहां. मैं भी मानता हूं कि सबके पास नहीं है. अगर 40 प्रतिशत लोगों के पास भी हैं तो कुछ अच्छा करने के लिए सबको आगे आना चाहिए
कविता
काका हाथरसी की कविता सुनाता हूं. कोई उसे उत्तर प्रदेश चुनाव से न जोड़े. काका हाथरसी ने कहा था. अंतर पट में खोजिए, छिपा हुआ है खोट... मिल जाएगी आपको बिल्कुल सत्य रिपोर्ट.
बजट का समय
घड़ी पास है तो देख लीजिए. पहले पांच बजे इसलिए बजट आता था क्योंकि ब्रिटेन की संसद के टाइम के हिसाब से हिंदुस्तान में अंग्रेजों का टाइम यहां शाम पांच बजे होता था. बहुत कम लोगों को पता है कि हम घड़ी ऐसे पकड़ते हैं तो इंडियन टाइम है. और घड़ी को ऐसे पकड़ते हैं तो लंदन टाइम है। आपके पास घड़ी है तो देख लीजिए. वाजपेयी जी से पहले किसी ने इसे बदलने के बारे में नहीं सोचा.
लोकतंत्र और शेर
कल हमारे मल्लिकार्जुन जी कह रहे थे कि कांग्रेस की कृपा है कि अभी भी लोकतंत्र बचा है और आप पीएम बन पाए... वाह क्या शेर सुनाया. बहुत बड़ी कृपा की आपने इस देश पर लोकतंत्र बचाया. कितने महान लोग हैं. लेकिन उस पार्टी के लोकतंत्र को सभी जानते हैं. पूरा लोकतंत्र एक परिवार को आहूत कर दिया गया.
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उधार लेकर घी नहीं, भगवंत मान कुछ और पीने को कहतेः मोदी