वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में लाने को बेताब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्तावित नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली का सोमवार को जायजा लिया और लंबित केंद्रीय बिक्री कर मुआवजे को जल्द मंजूरी देने का निर्णय किया.
जीएसटी को लागू करने के संबंध में प्रगति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल हुए एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘हम जीएसटी के लिए संसद के अगले सत्र में संविधान संशोधन विधेयक लाने का पूरा प्रयास करेंगे.’
जीएसटी के तहत केंद्र और राज्यों के स्तर पर ज्यादातर अप्रत्यक्ष करों का विलय हो जाएगा. संप्रग सरकार ने जीएसटी के लिए मार्ग प्रशस्त करने के वास्ते 2011 में एक संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था.
सूत्रों ने कहा कि बैठक में केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) खत्म करने के संबंध में राज्य सरकारों के बकाया मुआवजे को जल्द निपटाने का भी निर्णय किया गया.
अधिकारी ने कहा, ‘सीएसटी मुआवजे पर जल्द ही कुछ हलचल देखने को मिलेगी. हम बकाया मुआवजे को जल्द निपटाने की संभावना तलाश रहे हैं.’ उल्लेखनीय है कि सीएसटी को लेकर बकाया मुआवजे का भुगतान केंद्र और राज्यों के बीच विवाद का मूल कारण रहा है.
पिछले महीने, कश्मीर के वित्त मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह के चेयरमैन अब्दुल रहीम राठौर ने कहा था कि मार्च, 2010 तक केंद्र पर सीएसटी मुआवजा के तौर पर 13,000 करोड़ रुपये बकाया है.