प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 मई से कोलकाता के दो दिवसीय दौरे पर होंगे. इस दौरान तीन योजनाओं के शुभारंभ के अलावा वो इलाजरत रामकृष्ण मिशन के अध्यक्ष और अपने गुरु स्वामी आत्मस्तनंद से मुलाकात करेंगे. 97 साल के स्वामी आत्मस्तनंद पिछले कई दिनों से बीमार हैं. 21 फरवरी को उन्हें कोलकाता में मौजूद रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान में भर्ती कराया गया था.
पीएम और स्वामी का रिश्ता है पुराना
1966 में स्वामी राजकोट के रामकृष्ण आश्रम आए थे. उस समय मोदी युवा थे और स्वामी विवेकानंद के जीवन से काफी प्रभावित थे. तब मोदी स्वामी से मिलने और
उनके साथ आश्रम में रहने आए थे. कहा जाता है कि इससे पहले मोदी ने कुछ साल आध्यात्म सीखने में बिताए थे. कुछ दिन स्वामी के साथ आश्रम में बिताने के बाद
मोदी ने उन्हें बताया कि वह संन्यासी बनना चाहते हैं. लेकिन स्वामी ने उनसे कहा कि वह संन्यास लेने के लिए नहीं बने हैं. वैसे भी राजकोट आश्रम संन्यासी बनने की
दीक्षा नहीं देता था. स्वामी ने मोदी से कहा कि अगर वह सचमुच संन्यासी बनना चाहते हैं तो उन्हें बेलूर मठ जाना होगा.
बेलूर मठ तत्कालीन मठाधीश स्वामी माधवानंद ने भी मोदी की अर्जी ठुकरा दी. उन्होंने मोदी से कहा कि वह लोगों की खातिर काम करने के लिए बने हैं न कि संन्यास
के लिए. इसके बाद मोदी ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की सदस्यता ले ली और राजनीति में उतरे.
फूल जेब में रख, ली थी प्रधानमंत्री पद की शपथ
यह बात बहुत कम लोगों को पता होगी कि जब मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तब उनके जैकेट के पॉकेट में एक फूल था. वह फूल स्वामी ने मोदी को प्रसाद के
तौर पर एक चिट्ठी के साथ भेजा था.
कोलकाता में तीन योजनाओं को लॉन्च करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कोलकाता दौरे पर 'प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना', 'प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना' और 'अटल पेंशन योजना' को लॉन्च करेंगे.