राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका में कार्यभार संभालने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जून को पहली बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. यहां पर मोदी एच1बी वीजा नियमों में संभावित बदलावों से जुड़ी भारत की चिंताओं जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा के लिए 26 जून को बैठक करेंगे.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 जून से अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की 25 जून से शुरू होने वाली अमेरिका यात्रा की घोषणा करते हुए आज कहा कि मोदी-ट्रंप के बीच बातचीत गहरे द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा प्रदान करेगी.
दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक होगी
वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा, ट्रंप 26 जून को मोदी के साथ मुलाकात करेंगे. इसके साथ ही द्विपक्षीय संबंधों, आतंकवाद का मुकाबला करने, आथर्कि प्रगति को बढ़ावा देने तथा सुधार एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग का विस्तार के उपायों पर चर्चा करने को उत्सुक हैं. स्पाइसर ने कहा, राष्टपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी भारत और अमेरिका की उस साझोदारी के लिए साझा दृष्टिकोण पेश करेंगे जो 1.6 अरब नागरिकों के लिए है.
भारत और अमेरिका के बीच बहुआयामी रणनीतिक को नई दिशा
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, प्रधानमंत्री 26 जून को राष्ट्रपति ट्रंप के साथ आधिकारिक वार्ता करेंगे. उनकी चर्चा पारस्परिक हित के मुद्दों पर गहरे द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करेगी. इसके साथ भारत और अमेरिका के बीच बहुआयामी रणनीतिक भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए नई दिशा प्रदान करेगी.
पिछले सप्ताह अपने वाषर्कि संवाददाता सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि मोदी ट्रंप के समक्ष मुद्दे को उठाएंगे. उन्होंने कहा कि पाक प्रायोजित आतंकवाद और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों समेत क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर दोनों नेताओं के बीच बैठक के दौरान प्रमुखता से चर्चा होने की उम्मीद है. इसके साथ ही व्यापार बढ़ाने और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने के अलावा दोनों नेताओं के रक्षा संबंधों पर भी चर्चा करने की उम्मीद है.
अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनका देश भारत को बड़े रक्षा भागीदार के तौर पर मानता है. मैटिस ने कहा था कि अमेरिका नई चुनौतियों के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा से लेकर दक्षिण पूर्व एशिया में आतंकवाद के प्रसार से बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए नए तरीके तलाश रहा है.
भारत ने किया पेरिस समझौते को ट्रंप के दावों को खारिज
मोदी की यात्रा पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के हटने की ट्रंप की घोषणा की पृष्ठभूमि में हो रही है. ट्रंप ने कहा था, भारत इसमें अपनी भागीदारी को विकसित देशों से अरबों अरब डॉलर मिलने पर निर्भर बनाता है. ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए भारत ने कहा था कि उसने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर दबाव में या धन के लालच में नहीं किया था बल्कि पर्यावरण की रक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की वजह से किया था.