केंद्र सरकार के दो साल से ज्यादा होने के बावजूद योजनाओं के जमीन पर पूरी तरह नहीं उतर पाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता बढ़ गई हैं. उन्हें बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से शनिवार को दो टूक कहा कि योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने के काम को मिशन मोड में करें.
दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के परिषद की एक दिन की बैठक का उद्घाटन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने किया. बैठक में केंद्र सरकार की योजनाओं के राज्यों में बेहतर तरीके से अमल पर बातें की गई.यूपी चुनाव में जनता मांगेगी वादों का हिसाब
दरअसल पीएम मोदी की चिंता अगले साल होने वाले यूपी समेत पांच राज्यों के चुनाव को भी लेकर है. क्योंकि उनकी सरकार के 2 साल के कामकाज का हिसाब और उनके 2014 के चुनावी
वादों की सबसे ज्यादा तुलना इसी चुनाव में होगी. मोदी सरकार का लगभग आधा कार्यकाल पूरा होने को आ गया है. लेकिन अभी तक केंद्र सरकार की योजनाएं पूरी तरह जमीन पर उतर नहीं
पाई है.
बीजेपी की गरीब कल्याण एजेंडा समिति
पीएम नरेंद्र मोदी की चिंता इस बात को लेकर भी है कि गैर बीजेपी शासित राज्यों में ही नहीं, बल्कि बीजेपी शासित राज्यों में भी केंद्र सरकार की योजनाओं ने पूरी तरह से रफ्तार नहीं पकड़ी
है. अमित शाह ने एक समिति भी बनाई गई जो समिति गरीब कल्याण एजेंडा पर एक रिपोर्ट तैयार करेगी. उसे सभी बीजेपी शासित राज्यों को लागू करने के लिए भेजा जाएगा.
लगातार बैठकों का दौर जारी
बीजेपी ने 23 अगस्त को सभी राज्यों के पार्टी कोर ग्रुप की बैठक दिल्ली में बुलाई थी. उसमें भी केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता और गरीबों तक पहुंचाने पर जोर दिया गया
था. 31 अगस्त को बीजेपी के सभी राज्यसभा के सांसदों की बैठक बुलाई हैं. उस बैठक का भी एजेंडा यही रहेगा.
गैर बीजेपी शासित राज्यों को कटघरे में रखने की तैयारी
पीएम नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि केंद्र की योजनाओं को पहले बीजेपी शासित राज्य में पूरी तरह जमीन पर उतारा जाए, ताकि इस बहाने गैर बीजेपी शासित राज्यों को कटघरे में खड़ा कर सकें. ये
चिंता उन्होंने पहली बार नहीं जताई हैं. इससे पहले भी सैकड़ों बार वो अपनी चिंता पार्टी के अलग-अलग मंचों से सांसदों और नेताओं को बता चुके हैं कि केंद्र सरकार की गरीबों के कल्याण की
योजनाएं जमीन तक पहुंच पा रही है.