देश के प्रधान न्यायाधीश से जुड़े मामले समेत कई मामलों में अदालत द्वारा अनेक व्यवस्थाएं दिये जाने के मद्देनजर सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून में संशोधन के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच कथित रूप से पत्र-व्यवहार हुआ है.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोनिया ने करीब दो महीने पहले मनमोहन को पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने आरटीआई कानून में बदलाव नहीं किये जाने की राय जाहिर करते हुए मौजूदा कानून के समुचित क्रियान्वयन पर जोर दिया था.
चैनल के मुताबिक इस पत्र के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा था कि आरटीआई कानून में संशोधन की जरूरत है लेकिन इसमें किसी तरह के बदलाव से पहले सभी सम्बन्धित पक्षांे से सलाह-मशविरा किया जाएगा.
प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय को आरटीआई से छूट दिलाने समेत कई वजहों से आरटीआई कानून में प्रस्तावित बदलावों पर विचार किया जा रहा है.
प्रधान सूचना आयुक्त वजाहत हबीबउल्ला ने प्रेट्र से कहा कि आयुक्तों की राय में आरटीआई कानून में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है लेकिन नियमों में संशोधन करके मौजूदा अधिनियम को मजबूत किया जा सकता है.
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने गत जनवरी में प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय के भी आरटीआई कानून के दायरे में आने सम्बन्धी अपनी एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा था.