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सरदार पटेल के लिए दौड़ा देश, 'रन फॉर यूनिटी' में शामिल हुए पीएम नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच अटूट रिश्ता था. गांधी जी ने दांडी यात्रा का जिम्मा सरदार पटेल को सौंपा था. सरदार साहब के बिना गांधी जी भी अधूरे थे.

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सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते पीएम
सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते पीएम

देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन किया गया. पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया गया. 'रन फॉर यूनिटी' में आज पूरा देश दौड़ा. इस मौके पर मोदी ने दिल्ली में राजपथ पर 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई. विजय चौक से इंडिया गेट तक आयोजित इस दौड़ में खुद पीएम भी शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि ये देश विविधताओं में एकता की मिसाल पेश करता है.

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राष्ट्रपति भवन से प्रणब मुखर्जी ने भी दौड़ को हरी झंडी दिखाई. बॉक्सर विजेंद्र कुमार और पहलवान सुशील कुमार सहित खेल जगत की तमाम हस्तियां भी इस दौड़ का हिस्सा बनीं. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने हैदराबाद में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई और इस दौड़ में हिस्‍सा लिया. उम्मीद है कि इस दौड़ में 10 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया. इंडिया गेट और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. (फोटो: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्‍ट्रीय एकता दिवस के मौके पर तेलुगु में शपथ दिलाई)

'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी और सरदार पटेल की जोड़ी बेमिसाल थी. पटेल की 139वीं जयंती के मौके पर विजय चौक पर आयोजित समारोह में मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच अटूट रिश्ता था. गांधी जी ने दांडी यात्रा का जिम्मा सरदार पटेल को सौंपा था. ऐसा लगता था कि सरदार साहब के बिना गांधी जी भी अधूरे थे.

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इंदिरा को किया याद
मोदी ने कहा कि जो राष्ट्र अपने इतिहास का सम्मान नहीं करता, वह इसका सृजन नहीं कर सकता. उन्होंने 1984 में आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों का अप्रत्यक्ष तौर पर जिक्र भी किया.

मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने अपना पूरा जीवन देश की एकता के लिए समर्पित कर दिया और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 30 वर्ष पहले उनकी जयंती पर ‘हमारे अपने लोग’ मारे गए. उनकी टिप्पणी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों को लेकर थी.

'लौह पुरुष' के तौर पर लोकप्रिय सरदार पटेल के योगदान का जिक्र करते हुए पीएम ने साफ किया कि यह पहल किसी अन्य नेता के योगदान को कमतर करने का प्रयास नहीं है. मोदी ने कहा, 'हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जो राष्ट्र अपने इतिहास का सम्मान नहीं करता है, वह इसका सृजन कभी नहीं कर सकता. इतिहास, विरासत को विचारधारा के संकीर्ण दायरे में विभाजित मत कीजिए.'

मोदी ने कहा, 'अपने राजनीतिक जीवन में बाधा आने के बावजूद पटेल राष्ट्रीय एकता की अपनी सोच से कभी विचलित नहीं हुए. यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि 30 साल पहले ऐसे नेता की जयंती पर ऐसी घटना हुई जिसने राष्ट्र की एकता को हिला दिया.' मोदी ने कहा, 'हमारे अपने लोगों मौत के घाट उतार दिया गया. यह घटना एक विशेष धर्म के लोगों के दिलों पर ही घाव नहीं है बल्कि हजारों वर्ष की देश की धरोहर एवं संस्कृति के हृदय में लगा खंजर है. उन्होंने यह भी कहा कि आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि है.

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'पटेल के बिना अधूरे गांधी'
स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल के योगदान को याद करते हुए मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने उन्हें ऐतिहासिक दांडी यात्रा की योजना बनाने का दायित्व सौंपा था जिसे उन्होंने सफलतापूर्वक पूरा किया. पीएम ने कहा, 'जब हम रामकृष्ण परमहंस को देखते हैं तब ऐसा लगता है कि वह स्वामी विवेकानंद के बिना पूर्ण नहीं हैं. इसी तरह से जब हम महात्मा गांधी को देखते हैं तब भी वह सरदार पटेल के बिना अधूरे प्रतीत होते हैं.'

मोदी ने कहा कि आज पटेल की जयंती का प्रेरक पर्व है. सरदार पटेल ने अंग्रेजों के सपने को धूल में मिला दिया था. पटेल का जीवन देश की एकता को समर्पित है. मोदी ने इस मौके पर देश भर के लोगों को एकता की शपथ दिलाई.

मोदी ने पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद सहित तमाम बीजेपी नेता मौजूद रहे.

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