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जाली नोट के धंधे में नेपाल के राजकुमार!

नकली नोटों के एक बड़े सौदागर माजिद मनिहार के बेटे विक्की ने इस बात के संकेत दिए हैं कि नकली नोटों की भारत में सप्लाई के तार नेपाल के बिगड़ैल राजकुमार पारस से जुड़े हैं.

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आईएसआई, अंडरवर्ल्ड और डॉन. नकली नोटों के गोरखधंधे में इनके अलावा एक नया नाम सामने आ रहा है. ये नाम है नेपाल के बिगड़ैल राजकुमार पारस का. नकली नोटों के एक बड़े सौदागर माजिद मनिहार के बेटे विक्की ने इस बात के संकेत दिए हैं कि नकली नोटों की भारत में सप्लाई के तार पारस से जुड़े हैं.

नकली नोट के धंधे का मास्‍टरमाइंड हो सकता है पारस
नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र का बेटा पारस, जिसके कारनामों से नेपाल के ही लोग नहीं पूरी दुनिया वाकिफ है. अब इसका नाम आ रहा है भारत की अर्थव्यवस्था कमजोर करने की साजिश रचने में. भारत में नकली नोटों की खेप सप्लाई करने में. शक है कि ये नेपाल में बैठा पारस नकली नोटों के धंधे का मास्टरमाइंड हो सकता है. पारस का नाम इस बार उत्तर प्रदेश के बहराइच में गिरफ्तार नेपाल के नकली नोटों का सौदागर विक्की मनिहार की जुबान पर है. सूत्रों के मुताबिक विक्की मनिहार ने पूछताछ में खुलासा किया है कि पारस के तार आईएसआई और नकली नोटों से जुड़े हो सकते हैं और पारस के साथी के तौर पर नेपाल सरकार के पूर्व मंत्री सलीम मियां सिद्दिकी का भी नाम लिया जा रहा है. ये पहली बार है जब नकली नोटों के एक सौदागर ने नेपाल के शाही राजघराने के किसी शख्स पर उंगली उठाई है. सूत्रों के मुताबिक विक्की मनिहार की हैसियत नकली नोटों के छोटा डॉन की तरह है और यही वजह है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए उसका खुलासा अहमियत रखता है.

नेपाल में राजघराने से मदद मिलती है नकली नोट के कारोबारियों को
विक्की मनिहार को बहराइच में नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया था और उस समय वो भारत में नकली नोटों के एजेंट का नेटवर्क मजबूत करने आया था. लेकिन बहराइच पहुंचते ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया. नेपाल के राजघराने से जुड़े हैं नकली नोटों के धंधे के तार, ये बात विक्की मनिहार की जुबान पर आने से पहले ही भारतीय खुफिया एजेंसियों को पता लग चुकी थी. पिछले महीने गृह मंत्रालय को सौंपी गई एक खुफिया रिपोर्ट में इस बात का साफ साफ जिक्र है कि नेपाल के राजघराने के तार नकली नोटों के कारोबारियों के साथ जुड़े हैं. रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल में भारतीय फेक करेंसी के धंधे से जुड़े लोगों को राजघराने की मदद मिलती रही है. नेपाल में जाली नोटों के धंधे का मास्टर माइंड युनूस अंसारी है जो कि नेपाल के पूर्व मंत्री सलीम अंसारी का बेटा है. नेपाली समाजवादी पार्टी का नेता सलीम अंसारी राजा ज्ञानेंद्र के शासनकाल में कैबिनट मंत्री था. इतना ही नहीं सलीम अंसारी का बेटा युनूस जो अब नेपाल में नकली नोटों के पूरे धंधे को संभालता है वो खुद नेपाले के पूर्व राजकुमार पारस का शागिर्द है.

डी कंपनी के गुर्गों को मिली राजघराने से मदद
भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिली खबर के मुताबिक सलीम अंसारी औऱ युनूस अंसारी नेपाल में डी कंपनी का सबसे बड़ा गुर्गा है और उसके धंधे को फलने-फूलने में अगर किसी ने सबसे ज्यादा मदद की है तो वो है नेपाल का पूर्व राजकुमार पारस. नेपाल में भारतीय जाली नोटों की तस्करी करने वालों को राजघराने से किस हद तक मदद मिलती रही इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ज्ञानेंद्र के शासनकाल के दौरान सिमरा एयरपोर्ट पर पकड़ी गई जाली नोटों की बड़ी खेप रातोरात असली नोटों में तब्दील हो गई. जाहिर है ऐसा सरकार की मिलीभगत के बगैर नहीं हुआ होगा. सवाल ये कि क्या अब भी नेपाल का पूर्व राजकुमार भारत के खिलाफ इस साजिश में शरीक है. नेपाल से भागने के बाद पारस ने सिंगापुर में अपना ठिकाना बना रखा है और भारत में नकली नोटों की तस्करी के खेल में सिंगापुर और थाइलैंड जैसे देशो को भी ट्रांजिट रूट के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में मुमकिन है कि नेपाल का पूर्व राजकुमार पारस सिंगापुर में रहकर अब भी नकली नोटों के काले कारोबार से जुड़ा हुआ हो.

विक्‍की ने किए कई अहम खुलासे
बहराइच में गिरफ्तार विक्की मनिहार ने कई खुलासे किए हैं और इन खुलासों को खास तरजीह इसलिए दी जा रही है क्योंकि विक्की आईएसआई का खास मोहरा है. वो कभी खुद भारत नहीं आता था, लेकिन अब उसे भारत में नेटवर्क मजबूत करने की जरूरत महसूस हो रही थी. यूपी पुलिस की गिरफ्त में आया ये शख्स नकली नोटों की तस्करी में सबसे बड़े नामों में शुमार है. विक्की के बाप माजिद की तलाश देश की खुफिया एजेंसियां भी अरसे से कर रही हैं. डी कंपनी के नेपाल में सबसे खास आदमी मिर्जा दिलशाद बेग का खास गुर्गा रहा है माजिद. डी कंपनी और आईएसआई के नकली नोट की खेप को भारत भेजना ही उसका काम था. बेग की हत्या के बाद नकली नोटों के धंधे में अपनी पक़ड़ बनानेवाले सलीम से अलग माजिद ने अपना काम करना शुरू कर दिया. विक्की ने पूछताछ में खुलासा किया है कि ये नकली नोट कराची और लाहौर में छपते हैं और वहां से प्लेन के जरिए नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंच रहे हैं. वहां से विक्की और माजिद जैसे बड़े एजेंट इसको भारत भेजने में लगे हैं. सूत्रों के मुताबिक आईएसआई ने इसके लिए नेपाल के अलग-अलग इलाकों में डी कंपनी के कई लोगों को जिम्मेदारी दी हुई है. सबसे अहम बात है कि विक्की या माजिद कभी खुद बॉर्डर पार कर भारत नहीं आते थे और इसीलिए ये हिंदुस्तानी एजेंसियों की पकड़ से बाहर रहकर अपने काम को अंजाम देते थे. लेकिन इस बार विक्की खुद ही सीमा पार कर इधर चला आया और धरा गया.

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