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मुंबई हिंसा पर प्रधान न्‍यायाधीश ने जताई चिंता

महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों द्वारा मुंबई में की गई हिंसा और उससे आम लोगों को हुई परेशानी पर सर्वोच्‍च न्‍यायालय के प्रधान न्‍यायाधीश के जी बालकृष्‍णन ने चिंता व्‍यक्‍त की है.

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महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों द्वारा मुंबई में की गई हिंसा और उससे आम लोगों को हुई परेशानी पर सर्वोच्‍च न्‍यायालय के प्रधान न्‍यायाधीश के जी बालकृष्‍णन ने चिंता व्‍यक्‍त की है.

उड़ीसा के कंधमाल जिले में इसाई विरोधी हिंसा के दौरान एक नन से बलात्‍कार के मामले की जाचं को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई के वक्‍त न्‍यायाधीश बालाकृष्‍णन की खंडपीठ ने मुंबई की स्थिति पर चिंता व्‍यक्‍त की. नन मामले के वकील कोलिन गोंसाल्‍वेस ने कहा कि जिले में अभी भी हिंसा जारी है जिससे आज यहां तो कल वहां परेशानी होती है.

गोंसाल्‍वेस ने हिंसा के जारी रहने के पीछे राजनीतिक इच्‍छा शक्ति की कमी बताया. गोंसाल्‍वेस के इस तर्क पर प्रधान न्‍यायाधीश ने कहा कि इन सिद्धांतों पर चर्चा करना बहुत आसान है लेकिन इन्‍हें लागू करना बहुत कठिन. उन्‍होंने मनसे प्रमुख का नाम लिए बिना कहा "कल क्‍या हुआ. एक आदमी के कारण आम आदमी को भयानक परेशानियों का सामना करना पड़ा. वे अपने कार्यालय जाने के लिए बस पकड़ने में भी असमर्थ थे".

उन्‍होंने कहा कि इन चीजों को विभिन्‍न समूहों के बीच बातचीत से सुलझाया जा सकता है. बाद में नन मामले पर आदेश पारित करते हुए प्रधान न्‍यायाधीश ने उड़ीसा सरकार से ईसाई और हिंदू समुदायों के बीच बातचीत कराने को कहा ताकि राज्‍य में दोनों शांतिपूर्वक रह सकें.

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