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जेल ब्रेक की 5 ऐसी घटनाएं जिसे अपराधियों ने नायाब तरीके से दिया अंजाम

पंजाब के नाभा में जेलब्रेक की घटना से देशभर की जेलों की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. कहा जा रहा है कि आतंकवाद के दौर में भी जेलब्रेक की ऐसी वारदात नहीं हुई थी. हालांकि जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड परमिंदर सिंह उर्फ पम्मी को यूपी में शामली से और जेल से फरार खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के मुखिया हरमिंदर सिंह मिंटू को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन देश में जेलों की चौकसी व्यवस्था सवालों के घेरे में है.

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नाभा जेल में तैनात सुरक्षाकर्मी
नाभा जेल में तैनात सुरक्षाकर्मी

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पंजाब के नाभा में जेलब्रेक की घटना से देशभर की जेलों की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. कहा जा रहा है कि आतंकवाद के दौर में भी जेलब्रेक की ऐसी वारदात नहीं हुई थी. हालांकि जेल ब्रेक के मास्टरमाइंड परमिंदर सिंह उर्फ पम्मी को यूपी में शामली से और जेल से फरार खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के मुखिया हरमिंदर सिंह मिंटू को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन देश में जेलों की चौकसी व्यवस्था सवालों के घेरे में है.

रविवार सुबह 12 लोगों ने नाभा जेल पर पर हमला किया और 2 खालिस्तान आतंकवादियों और 4 गैंगस्टर्स को छुड़ा ले गए. हमलावरों में 6 पुलिस की वर्दी में थे और इन्होंने महज 13 मिनट के भीतर इस पूरी घटना को अंजाम दिया. हाल की घटनाओं पर गौर करें तो हर बार अपराधी जेल से भागने के नायाब तरीके ढूंढते हैं. नाभा की घटना को ही लें तो यहां पुलिस की पोशाक में अपराधी जेल के भीतर दाखिल होने में कामयाब रहे. अपराधि‍यों ने जेलब्रेक की घटना को अंजाम देने के लिए सुबह नाश्ते का वक्त चुना. क्योंकि इस समय कैदी बैरक से बाहर होते हैं.

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1. इसी महीने 12 तारीख को तड़के तेलंगाना के वारंगल सेंट्रल जेल से दो कैदी फरार हो गए. ये कैदी थे उत्तर प्रदेश का रहने वाला सैनिक सिंह और बिहार निवासी राजेश यादव. बताया गया कि ये तड़के ढाई से चार बजे के बीच जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए. जेल से भागने के लिए इन्होंने चादर की रस्सी बनाई और दीवार पार कर गए. इन्हें कुछ दिन पहले ही चेरलापल्ली जेल से वारंगल शिफ्ट किया गया था क्योंकि वहां उन्होंने जेल के स्टाफ से लड़ाई कर ली थी. सैनिक सिंह एके-47 रायफल की चोरी और राजेश यादव मर्डर का आरोपी था.

2. बीते 31 अक्टूबर को प्रतिबंधित संगठन सिमी के आठ आतंकी भोपाल जेल से एक पुलिसकर्मी की हत्या कर फरार हो गए. हालांकि कुछ ही घंटों बाद वे पुलिस मुठभेड़ में मारे गए. कहा गया कि आतंकियों ने चम्मच और प्लेट को घिस-घिसकर धारदार हथियार का रूप दिया. टूथब्रश से बैरक की सभी चाबियां भी बना ली. आतंकियों ने जेल से भागने के लिए दिवाली की रात का चुनाव किया. क्योंकि, इस दिन काफी शोर-शराबा होता है और जवान भी त्यौहारों के दिन कैजुअल मूड में होते हैं.

3. इसी साल 31 अगस्त को बेंगलोर सेंट्रल जेल से एक कैदी के भागने की घटना सामने आई थी. 30 साल का डेविड मुनियप्पा उर्फ डेविड कुमार नाम का यह कैदी सब्जियों की बोरी में छिपकर फरार हो गया था. हालांकि घटना के चार दिन बाद ही यानी 3 सितंबर को पुलिस ने डेविड को पकड़ लिया था. जेल से भागने के बाद डेविड अपनी दादी मां के घर गया लेकिन वो नहीं मिलीं. वह आपपास के इलाके में ही रहने लगा और अपनी दादी मां का इंतजार करने लगा. इस दौरान वह अपने पसंदीदा बार में गया जहां उसका उधार भी चलता था. इसी जगह से पुलिस ने डेविड को पकड़ लिया.

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4. बीते जुलाई में गुजरात की हाई सिक्योरिटी वाली साबरमती जेल से एक कैदी दिनदहाड़े फरार हो गया था. प्रवीण धवल नाम का यह कैदी 19 फीट की दीवार फांदकर जेल से भाग गया और सुरक्षाकर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. बताया गया कि आरोपी आसन गेट बैरक के ठीक सामने की अंदरूनी 15 फीट की दीवार पर चढ़ा और इस दीवार पर लगे लोहे के सरियों की मदद से बाहरी 18 फीट ऊंची मुख्य दीवार तक पहुंच गया. इसके बाद आरोपी ने 18 फीट वाली दीवार पर लगे करीब साढ़े तीन फुट ऊंचे बिजली के करंट वाले तारों की फेंसिंग पर हाथ रखकर ये भी चेक किया कि करंट आ रहा है या नहीं. तारों में उस समय करंट नहीं था. इसके बाद वह जेल की मुख्य दीवार फांदकर फरार हो गया.

5. देश की सबसे सुरक्ष‍ित मानी जाने वाली दिल्ली की तिहाड़ जेल की सुरक्षा भी उस वक्त सवालों के घेरे में आ गई थी जब दो कैदी सुरंग बनाकर जेल से फरार हो गए थे. घटना इसी साल जून की है. हालांकि पुलिस ने बाद में एक कैदी को पकड़ लिया था. बताया गया कि कैदियों ने तिहाड़ के सब जेल नंबर 7 की दीवार के पास सुरंग खोदी. सुरंग को खोदने के लिए औजारों का इस्तेमाल किया गया. गिनती के दौरान जब दोनों कैदी नहीं पाए गए तो उनकी तलाश शुरू की गई. इसी दौरान तिहाड़ में उस सुरंग का पता चला जिसे खोदकर वह फरार हुए थे.

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