रेल के टिकट कटाना अब बेहद आसान हो जाएगा और आपके शहर के हर कोने में यह सुविधा मिलेगी. इसके लिए अब रेट टिकट सुविधा केन्द्र खोले जा रहे हैं. अब तक यह काम रेल कर्मचारी या रेलवे के मान्यता प्राप्त एजेंट ही करते आ रहे थे. अब रेलवे बोर्ड ने निर्देश दिया है कि वह प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप के तहत कंप्यूटराइज्ड पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) में सामान्य जन को भी टिकट काटने देगी. यानी कोई भी व्यक्ति कहीं से भी रेलवे के टिकट काट सकेगा. इन्हें यात्री सुविधा केन्द्र कहा जाएगा और इससे लोगों को दूर चलकर रेलवे काउंटरों पर भीड़ लगाने की जरूरत नहीं होगी.
रेलवे ने शुरुआती तौर पर ये केन्द्र उन्हीं एजेंटों को देने का विचार किया है जिन्होंने पांच साल तक रेल टिकटें बेची हैं और उनके पास रेलवे स्टेशन परिसर के बाहर अपना ऑफिस है जहां पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर है.
ये प्राइवेट ऑपरेटर चार टर्मिनल तक रख सकेंगे और उनका स्टैंडर्ड रेलवे के मानदंडों के अनुरूप हो. उन्हें रेलवे के काउंटर खुलने के कम के कम एक घंटे बाद यानी नौ बजे अपने कार्यालय खोलने का अधिकार होगा.
बताया जाता है कि प्राइवेट पार्टियों को टिकट काटने के काम में शामिल करने का रेलवे यूनियन विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि इससे धोखाधड़ी बढ़ेगी और रेलवे का नाम खराब होगा.