कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के घर नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया यूपी को लेकर मंथन करने वाले थे. राहुल के घर 12, तुगलक लेन पर शाम 6.30 बजे बैठक होनी थी, लेकिन बाकी बैठकें लंबी चल गईं तो राहुल के साथ प्रियंका और सिंधिया के साथ बैठक करीब 7.30 बजे शुरू हुई.
बैठक में पहले राहुल के घर सिंधिया पहुंचे, फिर प्रियंका की गाड़ियों का काफिला. लेकिन चौंकाने वाली बात ये रही कि प्रियंका खुद अपनी गाड़ी में नहीं थीं. तफ्तीश करने पर जानकारी मिली कि वो पीछे झुग्गियों से होकर पिछले दरवाजे से बैठक में दाखिल हो गईं. तब लगा शायद अभी वो मीडिया से बचना चाहती हैं.
लेकिन झुग्गी वालों से बात करने पर मालूम हुआ कि प्रियंका पिछले तीन सालों से महीने में एक बार इसी रास्ते से आती हैं और झुग्गी में रहने वाले आशीष से मिलती हैं और आज भी आशीष से ही मिलकर गईं. दरअसल, आशीष एक विकलांग बच्चा है. जब वो 22 दिन का था, तभी उसको लकवा मार गया. पिता सुभाष यादव पत्तों का छोटा मोटा काम करते हैं, जिससे किसी तरह गुजर बसर होती है. आशीष के इलाज ने सुभाष यादव की कमर तोड़ दी है.
ऐसे में जब से प्रियंका को आशीष के बारे में पता चला तो महीने में एक बार आशीष से मिलने आने लगीं. जब राहुल के यहां आतीं तो पहले जाकर आशीष से मिलतीं. यहां तक कि मंगलवार को अहम बैठक से पहले भी वो आशीष के घर गईं. आशीष ठीक से बोल भी नहीं पाते, लेकिन खुश होकर जैसे-तैसे बताया कि प्रियंका आईं थीं, वो मुझे दोस्त कहकर पुकारती हैं.
आशीष के पिता ने बताया कि प्रियंका ने आशीष को एक एनजीओ से जोड़ा है, जहां उसकी पढ़ाई-लिखाई और समझ बेहतर करने का काम होता है. इसके अलावा प्रियंका आशीष के लिए स्लेट, कपड़े जैसे गिफ्ट लाती रहती हैं. आशीष की बहन ने बताया कि प्रियंका ने आशीष को कई डॉक्टरों को भी दिखवाया और जरूरत पड़ने पर झुग्गियों में डॉक्टरों को भेजा. प्रियंका ने आशीष से पूछा कि जन्मदिन पर मेरे घर इस बार क्यों नहीं आये, इस पर आशीष के पिता ने बताया कि आप उस समय थीं नहीं, इसलिए, अगली बार आएंगे. प्रियंका ने त्योहारों में भी आशीष को आने का न्योता दिया.
अब प्रियंका ने आशीष को विकलांगों वाली गाड़ी दिलाने का वादा किया है. मंगलवार को जब प्रियंका आशीष से मिलीं तो कुछ कम वक्त के लिए रुकीं. जाते-जाते आशीष से कहा कि आज राहुल जी के साथ अहम मीटिंग है इसलिए जल्दी जाना है मेरे दोस्त, जल्दी ही फिर मिलूंगी.