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AAP नेता कुमार विश्वास को उम्मीद, उनके लिए वोट मांगेंगी राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी

दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली जीत से अतिउत्साहित कुमार विश्वास राहुल गांधी को टक्कर देने अमेठी पहुंच चुके हैं. अमेठी में आज तक की संवाददाता रीमा पराशर के सवालों पर कुमार विश्वास ने दिए ये जवाब:

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कुमार विश्वास
कुमार विश्वास

दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली जीत से अतिउत्साहित कुमार विश्वास राहुल गांधी को टक्कर देने अमेठी पहुंच चुके हैं. अमेठी में आज तक की संवाददाता रीमा पराशर के सवालों पर कुमार विश्वास ने दिए ये जवाब:

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सवाल: राहुल गांधी यदि प्रधानमंत्री पद के दावेदार बने तो मुकाबला मोदी वर्सेज राहुल हो जाएगा. आप खुद को कहां देखते हैं?
जवाब: मैं तो आम आदमी हूं. ये तो बड़े आदमी हैं. मोदी बहुत लोकप्रिय नेता हैं. राहुल गांधी तो एक खानदान के चश्मे चिराग हैं, जहां पैदा होना ही प्रधानमंत्री पद की योग्यता हो जाता है. उनका अगर विवाह हो गया होता और अगर कोई नौनिहाल आ गया होता तो वो भी प्रधानमंत्री उम्मीदवार हो जाता 2040 या 2050 का. मैं तो सामान्य आदमी हूं. एक छोटे से अध्यापक के घर में पैदा हुआ हूं. कवि हूं, 100 रुपये से काम शुरू किया है.

मेरे लिए लड़ाई इसलिए महत्वूपर्ण है कि क्या किसी खानदान विशेष में पैदा हो जाने से आपको ये अनुमति मिल जाती है कि आप दामिनी पर, गुडि़या पर, लोकपाल पर, टूजी पर, कॉमनवेल्थ पर, सब पर शांत रहो और स्पेन चले जाओ या कहीं घूमने चले जाओ. क्या आपको इस बात की अनु‍मति मिल जाती है कि क्या आप जिस पार्टी के उपाध्यक्ष हैं, प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं, वहां लगातार भ्रष्टाचार होता रहे और आप उस पर टिप्पणी न करो, क्या आपको इस बात की अनुमति मिल जाती है कि आपके क्षेत्र में चुनौती देने मात्र से आपके गुंडे गुंडई पर उतर आएं और एक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि रैली को तंग करने की कोशिश की जाएगी.

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ये अमेठी एक प्रस्ताव देना चाहती है. मैं लड़ने जा रहा हूं. मेरे हारने जीतने का कोई सवाल ही नहीं है. अमेठी की जनता के हारने जीतने का सवाल है.

सवाल: कल आपका स्वागत अंडों से हुआ. वे समाजवादी पार्टी के लोग थे. समाजवादी पार्टी से आपको क्या उम्मीद है.
जवाब: प्रदेश को ही कोई उम्मीद नहीं बची तो मुझे क्या उम्मीद बचेगी. वो 32 नौनिहाल शिशु, जिन्होंने मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में दम तोड़ दिया, उनको दम तोड़ते हुए देख कर जब एसपी के मुखिया और समाजवाद के बड़े प्रणेता सैफई में विदेशी वारंगनाओं का नृत्य देखने में मशगूल थे तो मुझे क्या उम्मीद बचेगी.

मेरी सुरक्षा तो इन (समर्थकों की तरफ इशारा करते हुए) हजारों करोड़ों हाथों के साथ है, और नहीं भी है तो क्या है. एक आदमी के जीवित रहने और जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता. अन्ना बार-बार कहते थे, अन्ना रहे न रहे, आग जलती रहनी चाहिए. अगर उनको लगता है कि अरविंद पर स्याही फेंककर, विश्वास पर अंडे फेंककर, रैली में विरोध कराकर, वो कुछ ऐसा कर लेंगे कि हम अपने कर्त्वय पथ से विचलित हो जाएंगे और हम उन लोगों की तरफ राजनीति करने लगेंगे कि कन्नौज में तुम मत लड़ाना, रायबरेली में हम नहीं भेजेंगे. हम ऐसी राजनीति के लोग नहीं हैं. हम तो सीधे-सीधे टक्कर देते हैं भ्रष्टाचार और वंशवाद को.

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सवाल: जब प्रियंका गांधी कैंपेन करने आएंगी तब क्या होगा, क्योंकि जब वो आती हैं तो वोटों की लहर बदल जाती है.
जवाब: पिछली बार वो आईं थी तो सारी विधानसभा सीट हार गए थे रायबरेली और अमेठी में. मैं उम्मीद करता हूं कि इस बार भी वो आएं, क्योंकि मेरी व आम आदमी की सफलता बहुत आवश्यक है. और वो हमारी बहन हैं. अभी तक उन्होंने एक ऐसे भाई के लिए वोट मांगे थे, जो संसद में अप‍नी उपस्थिति नहीं देता है, जो सवाल ही नहीं पूछता है, जिसके केवल उसके ब्रांड अंबेसडर बताते हैं कि बाहें इस तरह चढ़ाओ और कागज इस तरह फाड़ो.

एक बार एक ऐसे भाई के लिए भी जरा दुआएं मांग लें, जो दामिनी के लिए, छह साल की गुडि़या के लिए सड़क पर लाठी खाता है और जनलोकपाल के लिए 13-14 दिन जेल में रहता है. ऐसे एक भाई के लिए भी वे लोगों से कहें कि वे वोट दे दें. मुझे उम्मीद है प्रियंका जी ऐसा कहेंगी.

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