यूपीए के कार्यकाल में प्लान किए गए एक और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने आगे बढ़ाने का फैसला किया है.
गृह मंत्रालय जल्द ही सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएमएस) शुरू करने जा रहा है. यह एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम है जो फोन टैप करने के लिए बनाया गया है. इसके साथ ही यह टेक्स्ट मैसेज, सोशल मीडिया पर बातचीत और इंटरनेट एक्टीविटीज पर निगाह रखता है.
इस प्रोजेक्ट को टेलीकम्युनिकेशन विभाग अमल में लाएगा. हालांकि पिछले 6 महीने से यह ठंडे बस्ते में पड़ा था. इस आशय की खबर अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस ने प्रकाशित की है.
सूत्रों के मुताबिक यह प्रोजेक्ट फंड की कमी से भी जूझ रहा था, लेकिन अब सरकार ने इसे दूर करने का फैसला कर लिया है.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यह निर्णय लिया गया है कि सीएमएस को फास्ट ट्रैक पर रखा जाएगा. इस प्रोजेक्ट में दो मॉनिटरिंग स्टेशन होंगे. सीएमएस प्राइवेट टेलीफोन ऑपरेटर्स के जरिए अनाधिकृत कॉल इंटरसेप्शन को को असंभव बना देगा.'
क्या केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट से इंटरनेट पर लोगों की स्वतंत्रता प्रभावित होगी?