प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान ही उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज के खिलाफ मंगलवार को राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया गया.
जंतर-मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन का आयोजन BHU के पूर्व विद्यार्थियों के एक समूह ने किया था. स्टैंड विद बीएचयू के नारे के साथ हुए इस विरोध प्रदर्शन में BHU के आलावा JNU छात्रसंघ और DU छात्रसंघ के सदस्यों और पंजाब यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया.
विद्यार्थियों के अलावा महिला कांग्रेस की सदस्य भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं. प्रदर्शनकारियों ने 'बेखौफ बीएचयू' 'हम नारी हैं, हमारी आवाज सुनें' और 'बीएचयू वीसी को बर्खास्त करो' जैसे नारे लिखी तख्तियां थाम रखी थीं.
प्रदर्शनकारियों ने पूरी घटना के लिए केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराया लेकिन प्रदर्शन में शामिल BHU के छात्र-छात्रों की मानें तो वे BHU के VC को इस पूरी घटना के लिए जिम्मेदार मानते हैं. प्रदर्शनकारियों ने बीएचयू के वीसी जगदीश चंद्र त्रिपाठी पर कार्रवाई की मांग भी की.
बीएचयू से जंतर-मंतर आईं मनीषी का कहना है कि जब VC उनकी नहीं सुन रहे हैं, तो जो कोई भी उनकी बात सुनेगा उसे ही वो अपनी व्यथा सुनाएंगी, चाहे वो कोई राजनीतिक दल हो या मीडिया.
मनीषी कहती हैं, "हमारे वीसी ने तब अपनी छात्राओं की नहीं सुनी जब वे दो रातों तक शांति से विरोध प्रदर्शन पर बैठी थीं, लेकिन अब जब पुलिस ने हमें दौड़ा-दौड़ा कर मारा, तब वो कह रहे हैं कि किसी पर पुलिस ने लाठी नहीं चलाई और हमने ही पेट्रोल बम चलाया था."
मनीषी आगे कहती हैं, "लड़कियों ने अपनी सुरक्षा की मांग की तो कहा जा रहा है कि कैंपस से राष्ट्रवाद खत्म नहीं होने देंगे. इनदोनों का क्या लेना-देना है?"
बीएचयू के छात्र शिवम रघुवंशी का मानना है कि विद्यार्थियों में बहुत गुस्सा है.
शिवम कहते हैं, "हमने ऐसी क्या मांग रखी जिसकी वजह से हमें और हमारी सहपाठिनों पर लाठी चलाई गई. कैंपस बंद कर दिया गया, हॉस्टल खाली करवा लिए गए और आज हमें जंतर-मंतर पर आना पड़ा है. हमने या हमारी साथी छात्राओं ने अपने लिए सुरक्षा की ही तो मांग की थी? क्या अब इस देश में छेड़छाड़ के खिलाफ आवाज उठाना, राष्ट्रवाद के खिलाफ बोलना हो गया है?"
जंतर-मंतर के अलावा DU में भी BHU मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया गया। DU में हुए विरोध प्रदर्शन में AISA, KYS, SFI और AIDSO सहित विभन्न छात्र संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया.