दिल्ली के जंतर मंतर पर 'पुरुष आयोग' बनाए जाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए. इन लोगों ने सरकार के समक्ष मांग रखी है कि दहेज उत्पीड़न के कानून से बचाने के लिए जल्द 'पुरुष आयोग' बनाया जाए.
'बेटी बचाओ' की जगह 'बेटा बचाओ' के नारे लगा रहे लोगों की मांग थी कि पुरुष आयोग बनाया जाए ताकि महिलाओं द्वारा लगाए गए एकतरफा आरोप और कानून के जंजाल से ये लोग बच सकें. इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हुईं जिन्होंने पुरुष आयोग बनाए जाने की मांग का समर्थन किया. प्रदर्शन में आई डॉक्टर इंदु सुभाष ने कहा कि वो लखनऊ से आई है. उनका कहा है कि पुरुष की मां-बहन-भाभी क्या महिला नहीं हैं? हम उन महिलाओं के हक में आवाज उठाने आए हैं.
पुरुष आयोग की मांग का समर्थन करने बीजेपी सांसद हरिनारायण राजभर भी जंतर मंतर पहुंचे और इनकी मांगों का समर्थन किया. बीजेपी सांसद ने कहा कि इनकी हर जायज मांग का हम समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि संसद में पहले भी इस मुद्दे को उठाया है और आगे भी इस मुद्दे को उठाएंगे.
पंजाब, तेलंगाना, इंदौर, ग्वालियर, जमशेदपुर जैसे तमाम जगहों से ये लोग इकट्ठा हुए और मांग रखी कि यदि पेड़ ,पक्षी, पहाड़, नदी के लिए इस देश में कानून हैं तो पुरूष के लिए क्यो नहीं ? दहेज उत्पीड़न कानून के गलत इस्तेमाल से परेशान इन लोगों ने अपने दर्द के किस्से बयान करते हुए जो बताया उसे अनसुना नहीं किया जा सकता.
जाहिर है जिस तरह से जंतर मंतर पर इन लोगों ने अपनी बातें रखी हैं, उस पर कहा जा सकता है कि किसी बेकसूर को नाहक सजा न मिले इसके लिए इनके नजरिये से भी सोचना होगा. जिससे लोकतंत्र में समानता के अधिकार के तहत सभी को जीवन जीने और न्याय पाने के समान अवसर मिल सकें.