कावेरी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच विवाद तेज होता जा रहा है. जल विवाद को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ मंगलवार को कावेरी होराता समिति ने मांड्या में बंद का आह्वान किया है. बंद को देखते हुए राज्य सरकार ने करीब 2400 पुलिसकर्मियों की तैनाती की है. इस वजह से तमिलनाडु के होसुर बॉर्डर पर काफी संख्या में बस और दूसरी गाड़ियां रुकी हुई हैं.
स्कूल और कालेज बंद
कावेरी विवाद पर प्रदर्शन के मद्देनजर कृष्णराजा सागर डैम और वृंदावन गार्डेन को चार दिन तक आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. मांड्या जिले में आज सभी हैं. इसके साथ ही राज्य परिवहन निगम की करीब सात सौ बसें सड़क से नदारद हैं. मांड्या में किसानों ने भी प्रदर्शन किया, मैसूर-बंगलुरु हाईवे जाम करने की कोशिश की गई. पुलिस ने इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है.
Cauvery issue: Karnataka bound Tamil Nadu transport buses stranded at Koyambedu bus stand in Chennai. pic.twitter.com/YQJSepH6H8
— ANI (@ANI_news) September 6, 2016
सिद्धारमैया ने सर्वदलीय बैठक बुलाई
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चर्चा के लिए कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक से पहेल उन्हहोंने विधानसभा में अलग से बैठक भी की.
Cauvery issue:Karnataka Chief Minister Siddaramaiah holds a meeting at Vidhan Sabha ahead of all-party meet. pic.twitter.com/Gmjo99TvTe
— ANI (@ANI_news) September 6, 2016
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में कर्नाटक को तमिलनाडु के लिए दस दिन के अंदर करीब 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया था.
Cauvery water issue: Farmers protest in Shrirangapattana taluk of Mandya, block road #Karnataka pic.twitter.com/pVM2UBuQQR
— ANI (@ANI_news) September 6, 2016
पानी छोड़ने को तैयार नहीं कर्नाटक
दरअसल, तमिलनाडु ने एक याचिका दाखिल कर राज्य के 40 हजार एकड़ क्षेत्र में खड़ी फसल बचाने के लिए कोर्ट से कर्नाटक को कावेरी का 50.52 टीएमसी फीट पानी छोड़ने के लिए निर्देश देने की मांग की है. इसके जवाब में कर्नाटक का कहना है कि वह पहले ही पानी की कमी से जूझ रहा है. सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार के वकील एफएस नरीमन ने कहा, पिछले कुछ महीनों में बारिश कम होने के कारण तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ना मुश्किल है.