जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में कर्फ्यू के दौरान सोमवार को एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जिसका पुलिसकर्मी पीछा कर रहे थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने उसकी मौत की पुष्टि की लेकिन उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद उसकी मौत हुई है.
सूत्रों के मुताबिक यह घटना गृह मंत्री अमित शाह की ओर से राज्य सभा में ऐलान के पहले हुई. पत्थरबाजी की घटना के बाद तीन युवकों का पुलिस ने पीछा किया. एक युवक झेलम नदी में कूद गया और उसकी मौत हो गई. यह घटना श्रीनगर के बीचोबीच हुई, जो प्रदर्शनकारियों का गढ़ रहा है. इस बीच घाटी में पत्थरबाजी की कुछ घटनाएं भी हुईं. अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनों में दो सुरक्षाबल भी घायल हुए हैं.
इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जम्मू-कश्मीर के शोपियां पहुंचे. जहां उन्होंने आम लोगों से बातचीत की और उनके साथ खाना खाया. डोभाल ने यह संदेश देने की कोशिश की कि आतंकवाद की मार झेल रहे शोपियां में भी हालात सामान्य हैं. इसके अलावा उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और सुरक्षाबलों व पुलिसकर्मियों से मुलाकात की. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में खौफ पसर गया है. एहतियात के तौर पर 100 राजनेताओं और एक्टिविस्ट्स को गिरफ्तार कर लिया गया है. चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है.
वहीं अनुच्छेद 370 पर मोदी सरकार के फैसले से पाकिस्तान बौखला गया है. पाकिस्तान के शीर्ष असैन्य और सैन्य नेतृत्व ने बुधवार को भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने और द्विपक्षीय संबंध रद्द करने का फैसला लिया. यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री इमरान खान ने की. पाकिस्तान ने कहा कि अब उनके राजदूत दिल्ली में नहीं रहेंगे. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक पाकिस्तान ने भारतीय राजदूत को निष्काषित कर दिया है.