अंतरिक्ष की दुनिया में भारत ने इतिहास रच दिया है. आज इसरो का सैटेलाइट भेजने का शतक पूरा हो गया है. इसरो ने शुक्रवार सुबह 9.28 पर पीएसएलवी के जरिए एक साथ 31 उपग्रह को लॉन्च किया. भेजे गए कुल 31 उपग्रहों में से तीन भारतीय हैं और 28 छह देशों से हैं: कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका.
पृथ्वी अवलोकन के लिए 710 किलोग्राम का कार्टोसेट-2 सीरीज मिशन का प्राथमिक उपग्रह है. इसके साथ सह यात्री उपग्रह भी है जिसमें 100 किलोग्राम का माइक्रो और 10 किलोग्राम का नैनो उपग्रह भी शामिल हैं. कुल 28 अंतरराष्ट्रीय सह-यात्री उपग्रहों में से 19 अमेरिका, पांच दक्षिण कोरिया और एक-एक कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और फिनलैंड के हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मौके पर इसरो की जमकर तारीफ की और बधाई दी. मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि नए साल की शुरुआत में ही इसरो की इस उपलब्धि पर बहुत बधाई. हमें उम्मीद है कि ये देश के किसानों, मछुआरों और नागरिकों की मदद करेगा.
My heartiest congratulations to @isro and its scientists on the successful launch of PSLV today. This success in the New Year will bring benefits of the country's rapid strides in space technology to our citizens, farmers, fishermen etc.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2018
The launch of the 100th satellite by @isro signifies both its glorious achievements, and also the bright future of India's space programme.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2018
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भारत की इस उपलब्धि पर पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत जिन उपग्रहों का प्रक्षेपण कर रहा है, उससे वह दोहरी नीति अपना रहा है. इन उपग्रहों का इस्तेमाल नागरिक और सैन्य उद्देश्य में किया जा सकता है. इसलिए यह जरूरी है कि इनका इस्तेमाल सैन्य क्षमताओं के लिए ना किया जाए, अगर ऐसा होता है कि इसका क्षेत्र पर गलत प्रभाव पड़ेगा.
आपको बता दें कि इसरो ने अपनी वेबसाइट पर गुरुवार को लिखा, "पीएसएलवी-सी 440 के चौथे चरण के प्रणोदक को भरने का काम चल रहा है." चौथे चरण के पीएसएलवी-सी-40 की ऊंचाई 44.4 मीटर और वजन 320 टन होगा. पीएसएलवी के साथ 1332 किलो वजनी 31 उपग्रह एकीकृत किए गए हैं ताकि उन्हें प्रेक्षपण के बाद पृथ्वी की ऊपरी कक्षा में तैनात किया जा सके.
PSLV-C40/Cartosat-2 Series Satellite Mission is Scheduled to be launched on Friday, Jan 12, 2018 at 09:28 Hrs (IST)https://t.co/bTZaQRjLmohttps://t.co/IgmydrZXnK pic.twitter.com/ybTXAxa1o4
— ISRO (@isro) January 10, 2018
बता दें कि अभी बुधवार को ही केंद्र सरकार ने मशहूर वैज्ञानिक के. शिवन को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है. उन्होंने किरन कुमार की जगह ली. कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने बुधवार को शिवन के नाम को मंजूरी दे दी. किरन का कार्यकाल 14 जनवरी को पूरा होने जा रहा है. हालांकि, शुक्रवार को लॉन्च के दौरान किरन कुमार भी मौजूद रहे थे.
साल की पहली अंतरिक्ष परियोजना
चार महीने पहले 31 अगस्त 2017 इसी तरह का एक प्रक्षेपास्त्र पृथ्वी की निम्न कक्षा में देश के आठवें नेविगेशन उपग्रह को वितरित करने में असफल रहा था. पीएसएलवी-सी40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष परियोजना है. अन्नादुरई ने कहा, "पीएसएलवी अपने 39वें परियोजना (पीएसएलवी-सी 39) तक बहुत सफल रहा था, पीएसएलवी-सी 39 हमारे लिए एक बहुत बड़ा झटका था क्योंकि हीट शील्ड अलग नहीं हो पाए थे."