कर्नाटक के मैंगलोर में लड़कियों के साथ हुई बदसलूकी ने सारे देश को झकझोर दिया लेकिन मंत्रालय और राष्ट्रीय महिला आयोग आपस में ही उलझा हुआ है.
ताजा खबर ये है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य निर्मला वेंकटेश अपनी जिस रिपोर्ट को लेकर मंत्रालय से आमने-सामने आ गई थीं, उस रिपोर्ट को खुद आयोग ने ही खारिज कर दिया है.
आयोग ने निर्मला की रिपोर्ट में चार कमियां गिनाई हैं, पहला ये कि निर्मला अपने साथ किसी सामाजिक कार्यकर्ता को मैंगलोर नहीं ले गईं, सिर्फ एक वकील को साथ रखा. दूसरी सबसे बड़ी कमी ये कि निर्मला वेंकटेश ने मैंगलोर में गुंडागर्दी की शिकार हुई किसी भी लड़की से मुलाकात नहीं की. तीसरी वजह ये कि निर्मला ने गुंडागर्दी करने वाले लोगों से मुलाकात की और सिर्फ उन्हीं का पक्ष सुना और चौथा ये कि मैंगलोर में उन्होंने एक बगल के पब पर छापा मारा, जबकि इसकी कोई वजह समझ में नहीं आती.
अपने ही आयोग से रिपोर्ट खारिज होने के बाद निर्मला अकेली पड़ गई हैं. हम आपको बता दें कि रेणुका चौधरी ने मैंगलोर मामले की अलग से तहकीकात कराई थी और दोनों रिपोर्ट एक दूसरे से विरोधाभासी हैं.
मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में राज्य सरकार को दोषी ठहराया है और बताया है कि मैंगलोर में लड़कियों में दहशत है. जबकि एनसीडब्लू ने पब के लाइसेंस का मुद्दा ज्यादा उठाया है और आरोपियों के इल्जाम कि- पब में लड़कियां डांस कर रही थीं, इसका जिक्र ज्यादा किया है.