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बिग बी को लेकर जारी है खींचतान

मुंबई में बांद्रा-वरली सी लिंक के दूसरे चरण के उद्घाटन समारोह में अमिताभ बच्चन की मौजूदगी पर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने गुरुवार को कहा कि अगर उन्हें गुजरात के ब्रांड एम्बेसडर के वहां होने के बारे में पता होता तो वह उसमें शरीक नहीं होते.

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मुंबई में बांद्रा-वरली सी लिंक के दूसरे चरण के उद्घाटन समारोह में अमिताभ बच्चन की मौजूदगी पर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने गुरुवार को कहा कि अगर उन्हें गुजरात के ब्रांड एम्बेसडर के वहां होने के बारे में पता होता तो वह उसमें शरीक नहीं होते.

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अमिताभ लोक निर्माण विभाग कि आमंत्रण पर इस समारोह में बुधवार को शरीक हुए थे. दूसरी ओर भाजपा नेता और अभिनेता शत्रुघ्‍न सिन्‍हा ने कहा है कि इस तरह किसी कलाकार को किसी समारोह में बुलाने के बाद विवाद पैदा करना कलाकार का अपमान है और ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा कि भाजपा शासित प्रदेश में पर्यटन के संवद्र्वन में उनकी भूमिका में कोई राजनीति नहीं है.

उन्होंने लिखा ‘आप मुझे किसी राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने से इसलिये रोकना चाहते हैं कि आपके पास यह मानने के कारण हैं कि इस घटना का राजनीतिक निहितार्थ है.’ मुंबई के कई कांग्रेसी सांसदों को समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया जिससे वह अमिताभ की मौजूदगी को लेकर नाखुश हैं. गठबंधन सरकार में लोक निर्माण विभाग राकांपा के पास है. {mospagebreak}

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समारोह का उद्घाटन करने वाले चव्हाण ने कहा ‘वह दूसरे राज्य के ब्रांड एम्बेसडर हैं. हम हमारे राज्य का विकास चाहेंगे. अगर मुझे उनकी वहां मौजूदगी का पता होता तो शायद में उसमें शिरकत नहीं करता.’ अमिताभ ने अपने ब्लॉग में लिखा ‘मेरी भागीदारी पर नया विवाद पैदा किया जा रहा है. सी लिंक पर समारोह होने के बाद से मीडिया लगातार एसएमएस के जरिये मेरे पीछे पड़ा हुआ है और इलेक्ट्रानिक मीडिया ने मेरा पीछा थियेटर तक किया, जहां हम अरशद की फिल्म देख रहे थे.’ अभिनेता अरशद वारसी की यह फिल्म ‘हम तुम और घोस्ट’ इस हफ्ते प्रदर्शित होने जा रही है.

इस मामले में कांग्रेस का एक वर्ग खबरों के मुताबिक इसलिए नाराज है क्योंकि अमिताभ भाजपा शासित गुजरात के ब्रांड अंबेसेडर हैं और गांधी परिवार से उनके संबंध पहले की तरह अच्छे नहीं रहे हैं. सी लिंक को प्रभाव में लाने वाला महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) राकांपा के पास है. अनेक कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि उन्हें इस बात का पता नहीं था कि समारोह में अमिताभ शामिल होंगे.

उन्होंने कहा कि निमंत्रण पत्र में भी अभिनेता का नाम नहीं था. जब मुख्यमंत्री से कल पूछा गया कि क्या समारोह में उन्हें बुलाना गलती थी, जिसमें अमिताभ को भी बुलाया गया तो उन्होंने कहा, ‘क्योंकि यह एक सरकारी समारोह था, इसलिए निमंत्रण भेजने में पर्याप्त सावधानी बरती जानी चाहिए.’ हालांकि सार्वजनिक उपक्रम मंत्री और एमएसआरडीसी के चेयरमैन जयदत्त क्षीरसागर ने अमिताभ बच्चन को बुलाने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि वह एक महानायक हैं. {mospagebreak}

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बुधवार के समारोह के बारे में बिग बी ने कहा ‘मुझे सरकार में किसी मंत्री ने आमंत्रित किया था इसलिये में वहां गया.’ कांग्रेस की परेशानी का लाभ उठाते हुए भाजपा ने कहा कि बच्चन कांग्रेस में 'कलह' और पार्टी में गांधी परिवार के ‘भय’ का शिकार हो गये. भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा ‘बांद्रा-वोरली सी लिंक राष्ट्रीय संपदा है और निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी की सम्पत्ति नहीं है. प्रत्येक भारतीय का उस पर अधिकार है.

नि:संदेह अमिताभ बच्चन राष्ट्र के लिये गौरव हैं और मुंबई के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं जो वहां मुख्य अतिथि होने की पूरी हैसियत रखते हैं.’ उन्होंने कहा कि यह भारतीय परम्परा के खिलाफ है कि आमंत्रित कर किसी को बेइज्जत किया जाय. ‘बच्चन कांग्रेस पार्टी खासकर महाराष्ट्र और आम तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर कलह का शिकार नहीं बन सकते.’ कांग्रेस ने पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी को जायज ठहराया है क्योंकि बच्चन ने मोदी के साथ खुद की पहचान बनायी है.

पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने संवाददाताओं से कहा ‘जो कुछ हुआ उससे पार्टी वाकिफ है. मुख्य मंत्री पहले ही स्पष्टीकरण दे चुके हैं. पार्टी कार्यकर्ता नाखुश इसलिये हैं कि बच्चन ने खुद को मोदी से जोडा है.’ अमिताभ ने कहा कि जो गुजरात के साथ संबंधों को लेकर नाराज हैं उनके पास राज्य में निवेश करने एवं सफल उद्यम चलाने से ‘‘किसी रतन टाटा अथवा किसी अम्बानी को रोकने का साहस नहीं है. उन्होंने कहा ‘क्या आपके पास उन्हें यह कहने का साहस है कि राज्य से संबंध न रखें अपना पूरा निवेश और मानवश्रम वहां से वापस ले लें मैं सोचता हूं कि नहीं. आप किसी मामले में राजनीति ला सकते हैं लेकिन उस व्यक्ति का क्या होगा जो गैर राजनीतिक है. यह वाकई शर्मनाक है.’

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