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पुलवामा हमले के बाद रेलवे का बड़ा कदम, हर जोन में होगा बम डिस्पोजल स्क्वायड

रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि हर डिवीजन और हर जोन में जल्द ही बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वायड (बीडीडीएस) की तैनाती की जाएगी. देशभर में रेलवे के 67 डिवीजन और जोन आते हैं. सभी डिवीजन के अपने अलग-अलग बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वायड (बीडीडीएस) होंगे. इस संबंध में एक प्रस्ताव पर विचार किया जा चुका है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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पुलवामा में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद रेलवे भी अपनी सुरक्षा के लिए सक्रिय हो गया है. रेलवे के लिए ट्रैक पर चलती ट्रेनों को सुरक्षा देना हमेशा से बड़ी चुनौती रही है और अब इस हमले के बाद उसने सुरक्षा के प्रयासों को बढ़ा दिया है. आतंकी हमले के लिए रेलवे हमेशा से सॉफ्ट टॉरगेट रहा है और पहले भी कई हमले हो चुके हैं, ऐसे में रेलवे अपनी सुरक्षा के लिए खास तरह का दस्ता बनाने जा रहा है.

रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि हर डिवीजन और हर जोन में जल्द ही बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वायड (बीडीडीएस) की तैनाती की जाएगी. देशभर में रेलवे के 67 डिवीजन और जोन आते हैं. सभी डिवीजन के अपने अलग-अलग बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वायड (बीडीडीएस) होंगे. इस संबंध में एक प्रस्ताव पर विचार किया जा चुका है.

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हाल ही में रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने घोषणा की थी कि मुंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क को अपना बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वायड (बीडीडीएस) मुहैया कराया जाएगा. बीडीडीएस की स्थापना करने वाला यह डिवीजन देश का पहला डिवीजन होगा. मुंबई में आतंकी हमले के 11 साल बाद इस शहर को इस तरह का अपना पहला स्क्वायड मिलने जा रहा है.

खास तरीके से प्रशिक्षण

इसके लिए रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के 15 जवानों के अलावा डॉग स्क्वायड को खास तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा. मुंबई में बीडीडीएस टीम सेंट्रल रेलवे लाइन पर सभी तरह के स्टेशनों और ट्रेनों की जांच करेंगे. इसके लोकल ट्रेन और स्टेशन के बाहरी हिस्से भी शामिल रहेंगे. इस कदम के पीछे एक कारण यह भी है कि पहले आरपीएफ को किसी भी तरह के कदम उठाने के लिए सिटी पुलिस बम स्क्वायड से अनुमति लेनी होती थी. इस कारण से संदिग्ध की तलाश में काफी देरी हो जाती थी.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस संबंध में एक ट्वीट में कहा था कि आपातकाल की स्थिति में त्वरित रिसपॉन्स करने की जरूरत है.

फिलहाल, रेलवे ने स्टेशन और आसपास के इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी है. आरपीएफ के महानिदेशक का कहना है कि रेलवे को उच्चस्तरीय सुरक्षा के लिए बीडीडीएस की जरुरत रही है, जो रेलवे बोर्ड की जगह आरपीएफ से सीधे तौर पर जुड़ा रहेगा. बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वायड (बीडीडीएस) टीम के लिए खास तरह की गाड़ी होगी जो अगले 6 महीने में तैयार हो जाएगी.

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