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पुलवामा हमले के बाद पाक के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई कर रही मोदी सरकार

मोदी सरकार आतंकी हमले में पाकिस्तान की आईएसआई और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठनों से जुड़े सबूत जुटा कर डॉजियर तैयार कर उसे संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान को दे सकती है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो (रॉयटर्स)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो (रॉयटर्स)

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पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं. आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को सैन्य तरीके से कैसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाए, इसकी रणनीति तैयार की जा रही है. हमले के दूसरे दिन 15 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्यरिटी (सीसीएस) की बैठक में पाकिस्तान से 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' (एमएफएन) का दर्जा वापस लिए जाने का फैसला किया.

एक तरफ एमएफएन का दर्जा वापस लिया गया तो तो दूसरी तरफ पाकिस्तान को आर्थिक स्तर पर चोट पहुंचाने के लिए पाकिस्तान से सभी आयातों पर 200 प्रतिशत की ड्यूटी लगा दी गई है. मोदी सरकार के इस कदम से पाकिस्तान से किसी भी सामान के लिए भारतीय बाजारों के लिए अपना रास्ता खोजना लगभग असंभव हो जाएगा. इधर देश में हालिया कार्रवाई रविवार को जम्मू कश्मीर में हुई जिसमें लगभग सभी अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई.

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पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत ने विदेशी कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ विश्व के सभी बड़े देशों के साथ जानकारी साझा की है. आने वाले समय में विदेश मंत्रालय पाकिस्तान को विश्व स्तर पर अलग थलग करने के लिए अन्य कदम उठाएगा. सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार आतंकी हमले में पाकिस्तान की आईएसआई और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठनों से जुड़े सबूत जुटा कर डॉजियर तैयार कर उसे संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान को देगी. पुलवामा हमले के बाद पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा था कि जिसने भी इस हमले को अंजाम दिया है, उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उनकी बातों से अंदाजा लगाया जा रहा है कि कूटनीतिक और आर्थिक स्तर के अलावा किसी सैन्य कार्रवाई पर भी विचार चल रहा है.

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